आजमगढ़: रामजीत चौहान को इलाज के लिए दस लाख की दरकार

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अप्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी के आगे हर दिन जिन्दगी से लड़ रहा है जंग


आजमगढ़। एक तो गरीबी दूसरे अप्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी के आगे हर दिन जिन्दगी जंग लड़ रही है। मामला सठियांव के सीही गांव निवासी भट्टा मजदूर सुरेश के 20 वर्षीय पुत्र रामजीत चौहान का है। वर्तमान में रामजीत चौहान का इलाज पी.जी.आई लखनऊ में दिसम्बर 2022 से इलाज चल रहा है लेकिन गरीबी की लाचारी के कारण पूरे परिवार की वेदना रोज बढ़ती जा रही है। गरीब असहाय पीड़ित रामजीत चौहान की हालत देख सीही गांव के ही निवासी अंगद यादव ने सामाजिक कार्यकर्ता रामकुंवर यादव से सम्पर्क किये तो उन्होंने रामजीत के इलाज के लिए मुहिम चलाकर भिक्षाटन करने का आश्वासन देते हुए जीवन बचाने का प्रयास किया।
भट्टा पर मजदूरी करके किसी तरह भरण पोषण करने वाले सुरेश के दो पुत्र है। बताया जाता है कि 6 दिसम्बर 2022 को इसकी तबियत खराब हुई तो गरीब पिता ने चक्रपानपुर पीजीआई में भर्ती कराया। जाँच के दौरान उसको अप्लास्टिक एनीमिया रोग से ग्रसित बताते हुए चिकित्सको ने लखनऊ पीजीआई हेतु रेफर कर दिया। वहां के चिकित्सकों ने पन्दह लाख का स्टीमेट दिया। जान बचाने के लिए पीड़ित ने क्षेत्रीय विधायक मुबारकपुर द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष द्वारा दो लाख एवम् सदर सांसद द्वारा प्रधानमंत्री सहायता कोष से तीन लाख कुल पाँच लाख रूपए ही एकत्र हो पाए। अभी भी कम पड़ रहे दस लाख रूपए के लिए गरीब मां-बाप दरबदर की ठोकर खा रहे है। अगर शीध्र ही स्टीमेट के सापेक्ष रूपयों की व्यवस्था नहीं हुई तो कोई भी अनहोनी घटित हो सकती है। अब देखना है कि कई बच्चों की जान बचाने के लिए सार्थक प्रयास करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता रामकुंवर यादव इसके लिए अपनी मुहिम को कितना सार्थक कर पाते है। वहीं बीमार पड़े रामजीत को देखकर इसके पूरे परिवार की मनोस्थिति की कल्पना लगाना भी दुरूह नजर आ रहा है।

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