आजमगढ़ : आज भी जिले में कायम है मुख्तार का जलवा

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इस धंधे में शामिल लोगों को आज भी व्यापार के लिए देना पड़ता है दस प्रतिशत कमीशन
रिपोर्ट : वेद प्रकाश सिंह 'लल्ला'


आजमगढ़। पूर्वांचल या यूं कहें कि जरायम की दुनिया में शीर्ष पर रहते हुए चार दशक तक अपनी हनक कायम रखने वाले बाहुबली मुख्तार अंसारी लगभग बीस सालों तक जेल में निरुद्ध रहते गुरुवार की रात हृदयाघात के चलते सदा सदा के लिए इस दुनिया से विदा हो गया लेकिन उसकी बादशाहत आज भी जिले में कायम है। बात हो रही है मुख्तार अंसारी की छत्रछाया में पूर्वांचल के कई जिलों में फैले मछली के कारोबार की। इस धंधे में शामिल लोगों को आज भी इस व्यापार के लिए बकायदा दस प्रतिशत कमीशन देना पड़ता है। शहर के शारदा चौराहे पर संचालित होने वाली मछली मंडी में प्रतिदिन आंध्रप्रदेश से आने वाले मछलियों से लदे ट्रक से व्यापार करने वाले लोग अपने कारोबार का दसवां हिस्सा मुख्तार अंसारी गैंग से जुड़े लोगों को बाइज्जत सौंप देते हैं। इस संबंध में नाम न छापने की शर्त पर मछली कारोबार से जुड़े एक व्यापारी ने दबी जुबान से स्वीकार किया कि आंध्र प्रदेश से आने वाले मछलियों से लदे ट्रक से किए जाने वाले व्यापार के लिए मऊ जिले का रहने वाला एक व्यक्ति जिसे मुख्तार अंसारी के शार्प शूटर रहे रामू मल्लाह का रिश्तेदार बताया जाता है वह जिले के आलावा गाजीपुर,मऊ, वाराणसी आदि कई जिलों में इस कारोबार को संभालता है। इस जिले में प्रत्येक माह 35-40 ट्रक मछलियों का कारोबार होता है। इसके लिए मुख्तार अंसारी गैंग को पूरे कारोबार का दस प्रतिशत कमीशन देना पड़ता है। प्रतिदिन मऊ जिले से आने वाले मुख्तार गैंग के लोग अपनी वसूली लेकर चले जाते हैं। अब देखना यह है कि अब इस कारोबार की बागडोर कौन संभालेगा।

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