तीन महीने पहले घोषित हुआ था इनाम
कानपुर। किसान बाबू सिंह यादव खुदकुशी प्रकरण में यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। मामले में आरोपित एक लाख के इनामी तथाकथित भाजपा नेता शिवम सिंह चौहान को एसटीएफ ने रविवार को आगरा से धर-दबोचा। चकेरी पुलिस ने आरोपित को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वहीं, मुख्य आरोपित आशू दिवाकर अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। तीन महीने पहले घोषित हुआ था इनाम : बीते साल नौ सितम्बर को चकेरी में किसान बाबू सिंह यादव ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी।
10 सितम्बर को उनकी पत्नी बिटान देवी ने आशू दिवाकर, शिवम सिंह चौहान, राहुल जैन, मधुर पाण्डेय, जितेन्द्र व बबलू यादव के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, जान से मारने की धमकी देना, धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचने की धारा में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने राहुल जैन व मधुर पाण्डेय को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। दोनों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। बीती 13 अक्तूबर को शिवम सिंह चौहान पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। उसके खिलाफ पुलिस धारा 82 (फरारी) की कार्रवाई कर चुकी है और 83 (कुर्की) के आदेश लेने के लिए उसके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज कर ली थी।
बीते साल सितम्बर से ही शिवम सिंह चौहान फरार था। एक लाख का इनाम घोषित होते ही एसटीएफ ने भी खोजना शुरू कर दिया। एसटीएफ के इंस्पेक्टर अनिल सिंह ने बताया कि सूचना मिली कि शिवम सिंह चौहान अपने एक साथी के साथ कृष्णा ढाबा, जरार, आगरा पर मौजूद है। यहां से वह दिल्ली निकलने की फिराक में है। इस पर एसटीएफ ने चारों तरफ से घेराबंदी की और शिवम को धर- दबोचा। एसटीएफ की टीम उसे लेकर कानपुर आई और चकेरी पुलिस को सौंप दिया।
पूछताछ के दौरान शिवम सिंह चौहान ने बताया कि उसने मैनपुरी से फरार होने के बाद आगरा, प्रयागराज और लखनऊ में फरारी काटी। अलग-अलग फोन से आशू दिवाकर से कई बार बात हुई। वह किसान बाबू सिंह यादव को जानता तक नहीं। जमीन के सौदे में भी उसका कोई हाथ नहीं था। आशू दिवाकर ने उसकी चेकों का गलत इस्तेमाल किया। वह चेक एक दूसरी जमीन को लेकर दी गई थी। आशू ने धोखाधड़ी की है। जेल जाते समय शिवम ने कहा कि वह खुद चाहता है कि किसान की बेटियों को उनकी जमीन वापस मिल जाए और उन्हें पूरा न्याय मिले।