एक दिन पहले भी की थी गंदी हरकतें
गैंगरेप में गिरफ्तारी भाजपा नेताओं की और ठंड में पसीना पुलिस का छूटा
वाराणसी। आईआईटी बीएचयू गैंगरेप में पकड़े गए तीनों आरोपियों ने यह पहली वारदात नहीं की थी। तीनों हर रात शराब पीने के बाद बुलेट से इसी तरह शिकार की तलाश में निकलते थे। भाजपा में पदाधिकारी होने के कारण तीनों को पुलिस या किसी और का कोई डर नहीं था। गैंगरेप की वारदात के ठीक एक दिन पहले भी तीनों ने बीएचयू कैंपस में ही एक छात्रा को अकेले में पाकर उसके साथ गंदी हरकतें की थीं। छात्रा ने इसकी शिकायत भी प्राक्टोरियल बोर्ड से की लेकिन मामला दबा दिया गया और पुलिस तक भी नहीं पहुंचा था। यहीं नहीं, जिस दिन तीनों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया उस दिन शाम में नगर निगम के पास स्थित शहीद उद्यान भी पहुंचे थे। इस उद्यान में अक्सर शाम में प्रेमी-प्रेमिका अकेले में मिलने के लिए बैठते हैं। पुलिस ने गैंगरेप करने वाले भाजपा आईटी सेल संयोजक कुणाल पांडेंय, सहसंयोजक सक्षम पटेल और आनंद उर्फ अभिषेक को पकड़ा है। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि आईआईटी बीएचयू की छात्रा से गैंगरेप से पहले भी इन तीनों ने ऐसी वारदातें करने की कोशिश की थी। बीएचयू में ही गैंगरेप की घटना से ठीक एक दिन पहले एक युवती ने देर रात अपने साथ तीन लड़कों के छेड़खानी करने की शिकायत प्राक्टोरियल बोर्ड में की थी। लेकिन मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा था। यह तीनों भी कभी पकड़े नहीं गए। पुलिस की छानबीन में सामने आया कि घटना के एक दिन पहले भी ये कैंपस में गये थे। इन लोगों ने ही उस युवती के साथ भी छेड़छाड़ की थी।
इसी तरह तीनों रोज शाम होते ही लड़कियों को खोजते रहते थे। घटना वाले दिन भी बीएचयू जाने से पहले गंदी हरकतें करने की नीयत से नगर निगम के शहीद उद्यान पार्क भी पहुंचे थे। यह पार्क शाम को बंद हो जाता है। आरोपियों को अंदेशा था कि पार्क बंद होने के बाद प्रेमी युगल अंदर बैठे होंगे। यहां कोई नहीं मिला तो आईआईटी बीएचयू चले गये। आनंद उर्फ अभिषेक पर भेलूपुर थाने में पहले से छेड़खानी का केस दर्ज है। बीते साल 29 जून को आनंद समेत उसके परिवार के सात सदस्यों पर छेड़छाड़, मारपीट व बलवा का केस दर्ज हुआ था। तीनों लड़कियों से गंदी हरकतें करने के लिए अक्सर बीएचयू कैंपस पहुंच जाते थे। तीनों को पता था कि यहां पर ज्यादातर लड़कियां दूसरे राज्यों से आकर रहती हैं। रात में पढ़ाई करती हैं और थकने पर कई बार टहलने के लिए बाहर निकलती हैं। इस दौरान ही यह लोग लड़कियों के साथ गंदी हरकतें करते थे। इन्हें पता था कि लड़कियां लोकलाज के कारण किसी को बताएंगी नहीं। अगर बता भी दिया तो पुलिस कभी इन्हें नहीं पकड़ेगी। भाजपा से जुड़े होने के कारण बच निकलेंगे। इसी वजह से तीनों को हौसले बुलंद थे। तीनों ने उम्मीद नहीं थी कि आईआईटी की छात्रा से गंदी हरकतें करने के बाद मामला इतना बढ़ जाएगा। वारदात के बाद जब आंदोलन शुरू हो गया तो तीनों डर गए। इसके बाद भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करने मध्य प्रदेश चले गए। जब तक मतदान नहीं हो गया तीनों मध्यप्रदेश में ही रहे। इधर छात्रा का मामला कोर्ट पहुंच गया और पुलिस पर भी दबाव बढ़ने लगा। बीएचयू छात्रों का एक गुट भी लगातार आंदोलनों में लगा रहा। इसी का परिणाम है कि पुलिस को तीनों को शिकंजे में लेना पड़ गया।