आजमगढ़: उत्तम प्रदेश के निर्माण के लिए भारतीयता के साथ प्रांतीय संस्कृति की भावना को भी सामंजस्यपूर्ण ढंग से प्रज्ज्वलित करना आवश्यक-प्रो0 प्रेमचंद्र यादव

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समारोहपूर्वक मनाया गया 74वां उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस
आजमगढ़। जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है, वह नर नहीं नर पशु निरा है और मृतक समान है। राष्ट्रकवि मैथिलिशरण गुप्त की इन पंक्तियों से प्रेरणा लेते हुये डीएवीपीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो0 प्रेमचंद्र यादव की अध्यक्षता में कॉलेज के यूजीसी सभागार में आचार्यों और छात्र छात्राओं ने समारोहपूर्वक 74वां उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस मनाया। साथ ही राष्ट्रीय मतदाता दिवस की पूर्व संध्या पर प्राचार्य के द्वारा सभी को मतदाता शपथ दिलायी।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य ने कहा कि गरिमामय संस्कृति को अपने आप में समेटे उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए भारतीयता की संकल्प शक्ति के साथ हमें अपनी प्रांतीय भावना को भी सामंजस्यपूर्ण ढंग से प्रज्जवलित करना होगा। मुख्य वक्ता प्रो0 जगदम्बा प्रसाद दुबे ने उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को स्पष्ट करते हुए देश के साथ प्रदेश के चिंतन को अनिवार्य बताया। डॉ0 अमित सिंह ने उत्तर प्रदेश की सांझी विरासत को अक्षुण्ण रखने और शिक्षा के माध्यम से उत्तम प्रदेश की संकल्पना प्रस्तुत की। प्रो0 गीता सिंह ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए धन्यवाद दिया। संचालकीय क्रम में सहयुक्त एन सी सी अधिकारी डॉ0 पंकज सिंह ने संचालन करते हुए शिक्षा संस्कृति और संस्कार को प्रदेश के माध्यम से देश के विकास का मार्ग बताया। इस अवसर पर छात्र छात्राओं के साथ डॉ0 राकेश यादव, डॉ0 प्रकाश चंद, डॉ सुभाष, डॉ आर पी सिंह, डॉ0 विजय कुमार, डॉ कृष्णानंद, डॉ0 रजनीश, डॉ अजय कुमार, राजेश कुमार, नवनीत तिवारी, सुरेंद्र यादव, संजू यादव एवं अन्य प्राध्यापकगण उपस्थित रहे।

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