आजमगढ़: ‘हमें गुण्डों से बचाईए’....धरने पर बैठे स्वास्थ्यकर्मी

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कहा असुरक्षित माहौल में काम करना हुआ मुश्किल, पुलिसिया कार्यशैली भी निशाने पर
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’

आजमगढ़। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोल्हुखोर जहानागंज में दो दिन पूर्व एक व्यक्ति द्वारा कर्मचारियों के साथ की गई बदसलूकी एवं एससी एसटी एक्ट के मुकदमे में फसाने की धमकी दिए जाने के खिलाफ शुक्रवार को चिकित्सकों सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल के गेट पर धरने पर बैठ गये। हाथों में स्लोगन लिखी तख्ती ‘हम बीमारी से बचाते हैं, हमें गुण्डों से बचाईए’ लेकर विरोध प्रकट किया। स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि यदि अस्पताल में कर्मचारियों के साथ इस तरह की बदसलुकी होती रही तो हम विवश होकर इमरजेंसी सेवा के साथ-साथ अन्य सेवाएं भी देने में असमर्थ होंगे।
जानकारी के अनुसार 15 तारीख की रात्रि करीब 7.20 बजे चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर धनंजय पांडेय थाने द्वारा भेजे गए आपसी झगड़े में घायल लोगों का इलाज एवं मेडिकल कर रहे थे और स्टाफ नर्स सुनीता प्रसव पीड़ित महिला का इलाज कर रही थी तभी एक व्यक्ति अपनी गाड़ी में एक बीमार महिला को लेकर पहुंचा और स्टाफ नर्स सुनीता से उस महिला को जिला रेफर करने के लिए दबाव बनाने लगा। जब सुनीता ने चिकित्सा प्रभारी को इस बात की जानकारी दी तो उन्होंने कहा की महिला का कहां इलाज हुआ है उसका कोई पर्चा देखने के बाद ही रेफर कर पाएंगे। बस इतनी ही बात पर वह व्यक्ति भड़क गया और समस्त कर्मचारियों से गाली गलौज करने लगा। जब कर्मचारियों ने विरोध किया तो उनको हरिजन बनाम सवर्ण के मुकदमें में फसाने की धमकी देने लगा। शोर गुल सुन कर चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर धनंजय पांडेय भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने बदसलूकी कर रहे व्यक्ति को समझने का प्रयास किया तो वह उन्हें भी गाली देने लगा। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने 112 नंबर पुलिस को फोन करके बुलाया तो वह भाग निकला। स्वास्थ्य कर्मियों ने उस व्यक्ति के विरुद्ध थाने पर तहरीर दी लेकिन दो दिन बाद भी कोई कार्रवाई न किए जाने से आक्रोशित कर्मचारियों ने शुक्रवार को अस्पताल पहुंचकर 10.00 बजे से धरना आरंभ कर दिया। कुछ ही समय के बाद तमाम मरीज भी वहां उपस्थित हो गए। इसकी जानकारी जब थाना प्रभारी को हुई तो वे तत्काल मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों को हर तरह से मदद करने का आश्वासन दिया। थाना प्रभारी के आश्वासन के बाद करीब दो घंटे चले धरने को कर्मचारियों ने समाप्त किया और अपनी अपनी ड्यूटी में लग गए।

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