आरोप तय होने के 19 दिन बाद ही हत्या के आरोपी दो सिपाही दोषमुक्त

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23 वर्ष पहले नदी मे डुबाकर मारे जाने का लगा था आरोप

मऊ। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक अशोक कुमार ने 23 वर्ष पूर्व हुए हत्या और साक्ष्य मिटाने के मामले में आरोपी दो सिपाहियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। एडीजे ने 16 अक्तूबर को आरोपियों पर आरोप तय किया और 4 नवंबर को फैसला सुनाया। एडीजे यह फैसला आरोप तय होने से मात्र 19 दिन मे सुनाया। एडीजे ने अपने आदेश मे लिखा कि विवेचक ने अपने सार संक्षेप मे कथन किया कि मृतक गुलाब अपराधी प्रवृत्ति का था, घटना मे संलिप्तता के तथ्य असत्य पाए गये। मृतक गुलाब के नदी मे डूबने अथवा जीवित रहने का कोई साक्ष्य व प्रपत्र पत्रावली पर उपलब्ध नहीं है। जिसके फलस्वरूप अभियोजन द्धारा अभियुक्तगण के विरूद्ध अपराध संदेह से परे साबित करने मे सर्वथा असफल रहा है। आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। मामला दोहरीघाट थाना क्षेत्र का है।
अभियोजन के अनुसार धनौली रामपुर निवासी कोदई यादव की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई। वादी का कथन है कि 18 सितंबर 2000 की सुबह दोहरीघाट थाने के दो सिपाही श्यामलाल आर्य व कमालुद्दीन गांव के ही रामकरन राय और राम सिंगार राय के साथ उसके लडके गुलाब यादव को गांव के पश्चिम लोहरा मौजा के पास पकड़ने के लिए दौड़ा लिए। आरोप है कि गुलाब को सिपाहियों ने नदी की धारा में धकेल दिया। जिससे नदी में डूबने से उसके लड़के गुलाब की मौत हो गई। वादी की तहरीर के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर विवेचना के बाद मात्र रामकरन राय व राम सिंगार राय के विरुद्ध आरोप पत्र भेजा। कोर्ट में विचरण के दौरान एडीजे ने धारा 319 सीआरपीसी के तहत सिपाही गाजीपुर जनपद के यूसुफपुर मुहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के मुर्की खुर्द गांव निवासी कमालुद्दीन पुत्र जौनुद्दीन खां और देवरिया जनपद के मईल थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव निवासी श्याम लाल आर्य पुत्र स्व. लालमुनी को धारा 302, 201 भादवि के तहत विचारण के लिए 24 मई 2010 को तलब किया था। मामले मे वादी मुकदमा की मौत हो गई थी। एडीजीसी ने कुल 4 गवाहों को साक्ष्य के लिए कोर्ट मे पेश कर अभियोजन का पक्ष रखा। बचाव पक्ष से कहा गया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। एडीजे ने मामले मे आरोपियों पर 16 अक्तूबर 23 को आरोप तय किया। तथा 2 नवंबर को आरोपियों का बयान रेकार्ड किया और शनिवार 4 नवंबर को फैसला सुनाते हुए दोनों को दोषमुक्त कर दिया।
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