मौसम के साथ बदल रही हैं बीमारियां, मानसून की दस्तक के बाद बढ़ गया है इन बीमारियों का खतरा, ऐसे रखें ख्याल-डॉ ओपी सिंह

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रिपोर्ट-सरदार रोशन सिंह
पीडीडीयू नगर।
बरसात का मौसम अच्छा तो लगता है लेकिन जरा सी लापरवाही से ये सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है,मानसून के मौसम में बैक्टीरिया जनित कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है चिलचिलाती गर्मी के बाद जब मानसून आता है तो चारों ओर हरियाली छा जाती है। बरसात वाकई सुखदायी है लेकिन मानसून का ये मौसम सेहत के लिए काफी सारे मानसून रिस्क लेकर आता है। इस दौरान काफी सारी बीमारियां एक साथ हमला बोलती है और अधिकतर लोग बचाव की जानकारी के बगैर इनकी चपेट में आ जाते हैं। मानसून में टेंपरेचर और ज्यादा उमस के चलते वातावरण में बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं और कई तरह की इंफेक्शन वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
मानसून में डायरिया का खतरा-मानसून के मौसम में गंदा पानी और दूषित भोजन के चलते डायरिया बहुत तेजी से फैलता है।इसके चलते उल्टी दस्त की परेशानी हो जाती है। बारिश का गंदा पानी पेट में जाने से पेट खराब हो जाता है।ऐसे में खाने की क्वालिटी पर भी भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि दूषित और बासी भोजन उल्टी दस्त का कारण बन सकता है।वायरल इंफेकशन मानसून के मौसम में सबसे ज्यादा खतरा वायरल इंफेक्शन का होता है क्योंकि ये व्यापक स्तर पर फैल जाता है,इस इंफेक्शन में फंगल इंफेक्शन,बैक्टीरियल इंफेक्शन,पेट का इंफेक्शन और पैरों का इंफेक्शन शामिल होता है,कई ऐसे संक्रमण हैं जो सीधा शरीर की इम्यूनिटी पर हमला करते हैं जिससे शरीर काफी कमजोर होता है और दूसरी बीमारियां हमला करने में सफल हो जाती है।
निमोनिया का खतरा-मानसून के मौसम में हवा में फैले निमोनिया के बैक्टीरिया शरीर को कमजोर कर डालते हैं,ये सांस के जरिए शरीर में पहुंचते हैं और इससे लंग्स में सूजन और पानी भर जाता है. छोटे बच्चे और बुजुर्ग इस मौसम में बहुत जल्दी निमोनिया के शिकार होते हैं। खासकर जो लोग लंबे समय तक भीगे रहते हैं वो इसकी चपेट में जल्दी आते हैं।मानसून की बारिश में कम से कम भीगें खाना ताजा,गर्म और अच्छी तरह पका हो मानसून में पानी उबाल कर पिएं एंटी बैक्टीरियल दवाएं समय पर लेनी चाहिए दूषित जगहों पर जाने से बचें और बाहर का खाना खाने से बचें अगर बीमार पड़ते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। शरीर के अंगों को देर तक पानी में ना रखें कोशिश करें कि आपके कपड़े सूखे रहें।
इम्यूनिटी बढ़ाने वाली डाइट लेते रहें-डायरिया के मरीज को समय समय पर ओआरएस का घोल देते रहना चाहिये। मलेरिया बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है,जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है।यह रोग मादा ऐनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलता है।इससे बचने के लिए अपने आसपास पानी का जमाव न होने दें।डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से ही फैलता है,लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं,इस बात का विशेष ध्यान रखें।एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाले इस रोग का प्रभाव मरीज के पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द के रूप में होता है।इससे बचने के लिए मच्छरों से बचें और घर से निकलने से पहले शरीर को पूरी तरह ढंककर रखें।

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