साथ जी न सके तो मरना ही कबूल

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बीहड़ में मिलीं सड़ी-गली लाशें, परिजन समझते थे भाई-बहन का रिश्ता, पढ़ें पूरा मामला
इटावा। इटावा जिले में लवेदी क्षेत्र के जंगल में युवक और नवविवाहिता का शव पड़ा मिलने के बाद दो परिवारों के कई सालों के गहरे संबंधों को भी ठेस पहुंची है। एक ही बिरादरी और गांव में पड़ोसी होने की वजह से दोनों परिवार एक दूसरे के लिए हमेशा खड़े रहते थे। बुधवार को युवक और नवविवाहिता के बीच प्रेम प्रसंग का मामला प्रकाश में आने के बाद परिवार के लोगों को धक्का लगा है। मृतक अनुज के पिता सुभाष ने बताया कि मृतका कल्पना की चार मई को हुई शादी में उनके परिवार ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। शादी में आर्थिक सहयोग भी किया था। उनके परिवार को यह भनक भी नहीं लग पाई थी कि दोनों बच्चों के बीच प्रेम प्रसंग जैसा कुछ चल रहा है। घर और गांव वालों के सामने दोनों बीच भाई-बहन का रिश्ता ही सभी जानते थे। बताया कि उनके बेटा अनुज हैदराबाद के रायचोपरा में ट्रैवल एजेंसी में नौकरी करता था।
उसी के साथ कल्पना का भाई सतीश भी नौकरी करता था। जब कल्पना की शादी चार मई को निर्धारित हुई। उसके एक माह पहले ही अनुज गांव आ गया था और शादी की तैयारियों में जुट गया था। अनुज ने कल्पना के कच्चे घर को पक्का बनवाने में आर्थिक सहयोग किया था। 25 मई की दोपहर तीन बजे दोनों भागवत कथा में जाने के लिए निकले थे और कोई नहीं जानता था कि दोनों के दिमाग में क्या चल रहा है। इसके बाद दोनों नहीं लौटे, जिसके चलते 27 मई को इससे जुड़ी गुमशुदगी भी दर्ज कराई गई थी। दोनों के शव शव अलग-अलग पेड़ों पर फंदे पर लटके मिले। पुलिस के शवों के उतारने के बाद तलाशी ली गई, तो मृतक युवक की जेब से पर्स मिला। इसमें अनुज का आधार कार्ड बरामद हुआ। आधार कार्ड के अलावा पर्स से युवती के कुछ जेवर कानों के कुंडल मंगल सूत्र भी बरामद हुए हैं। कल्पना चार मई को शादी होने के बाद 22 मई को अपनी ससुराल जालौन से मायके मड़ैया दिलीप नगर पहुंची थी। वहीं अनुज तब तक हैदराबाद अपने काम पर नहीं लौटा। दोनों गांव की ही एक भागवत में शामिल होने जाने की बात कहकर चले गए थे और फिर लौटे नहीं थे।

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