आज़मगढ़ : बाढ़ आपदा में सराहनीय कार्य करने वाले गोताखोरों को सम्मानित किया जाय : अपर मुख्य सचिव, राजस्व

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धारा-80 के वादों को अधिक समय तक लम्बित रखने पर सम्बन्धित एसडीएम को दी जायेगी प्रतिकूल प्रविष्टि : सुधीर गर्ग
आज़मगढ़ 24 जून। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, राजस्व सुधीर गर्ग ने कहा है कि बाढ़ आपदा के समय प्रायः कुछ गोताखोरों द्वारा अत्यन्त सराहनीय एवं उत्कृष्ट कार्य किये जाते हैं, जिससे भारी जाल माल का नुकसान होने से बच जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे सराहनीय एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले गोताखोरों को उच्चाधिकारियों के माध्यम से सम्मानित किया जाय। अपर मुख्य सचिव श्री गर्ग शनिवार को स्थानीय सर्किट हाउस के सभाकक्ष में मण्डल के जनपदों में राजस्व कार्यों की अद्यतन प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने राजस्व न्यायालयों में लम्बित वादों की समीक्षा करते हुए पाया कि धारा-24 के आज़मगढ़ में 76, मऊ में 55 एवं बलिया में 758 वाद 5 वर्ष से अधिक समय से लम्बित हैं। वादों के लम्बित रहने के सम्बन्ध में राजस्व कर्मियों की कमी बताये जाने पर उन्होंने निर्देश दिया कि तीनों जनपदों में जितने कार्मिकों की आवश्यकता है उसकी शीघ्र डिमाण्ड भेजें ताकि चकबन्दी विभाग से कानून-गो एवं लेखपाल उपलब्ध कराये जा सकें। उन्होनें कहा कि लम्बित वादों में लिखित बहस हेतु दो अवसर दिया जाय तीसरी बार में पैमाइश का कार्य पक्षकारों की उपस्थिति में करा दिया जाय। उन्होंने यह भी कहा जो समस्यायें बताई जा रही हैं उसके आधार पर शासन स्तर से आदेश निर्गत किये जायेंगे, उसके बाद धारा-24 का कोई भी वाद निर्धारित अवधि 45 दिन के उपरान्त लम्बित नहीं मिलना चाहिए। अपर मुख्य सचिव, राजस्व ने कहा कि मण्डल के जनपदों में धारा-34/35 के तहत अविवादित नामान्तरण के वाद निर्धारित अवधि के अन्दर निस्तारित कर दिये गये हैं, परन्तु विवादित नामान्तरण वाद तीनों जनपदों में पर्याप्त संख्या में लम्बित हैं, जिनका तेजी से निस्तारण कराया जाना अतिआवश्यक है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जनपद स्तर पर धारा-34/35 के वादों की नियमित रूप से समीक्षा कर समयबद्ध रूप से निस्तारण कराना सुनिश्चित किया जाये।
अपर मुख्य सचिव, राजस्व सुधीर गर्ग ने कृषि भूमि को धारा-80 के अन्तर्गत अकृषिक भूमि घोषित कराये जाने की स्थिति समीक्षा में पाया कि आज़मगढ़ में 5, मऊ में 4 एवं बलिया में 102 वाद निर्धारित समयावधि के बाद भी लम्बित हैं। उन्होंने इस पर असन्तोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि मण्डल के जनपदों में धारा-80 के लम्बित सभी 111 वादों को एक सप्ताह के अन्दर निस्तारित कराना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने आगाह किया कि भविष्य में यदि 45 दिन के बाद कोई वाद अनिस्तारित पाया जाता है तो सम्बन्धित उपजिलाधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी जायेगी। इसी क्रम में उन्होंने अविवादित वरासत के मामलों को तत्परता से निस्तारित करने तथा वरासत अभियान को निरन्तर जारी रखने पर जोर दिया। अपर मुख्य सचिव श्री गर्ग ने जनपदों में चकबन्दी प्रक्रिया के अधीन ग्रामों तथा चकबन्दी वादों के निस्तारण की भी समीक्षा किया। अवगत कराया गया कि आज़मगढ़ में 4127, मऊ में 1656 एवं बलिया में 3272 राजस्व ग्राम हैं, जिसमें प्रथम चक्र की चकबन्दी के आज़मगढ़ में 19, मऊ में 6 एवं बलिया में 16 ग्राम ऐसे हैं जो पॉंच वर्ष से अधिक समय से चकबन्दी प्रक्रिया के अधीन हैं। इस सम्बन्ध में उन्होंने इन गांवों में चकबन्दी प्रक्रिया यथाशीघ्र पूर्ण कर लिये जाने का निर्देश दिया। श्री गर्ग ने कहा कि उन्हीं गांवों में दूसरी चकबन्दी कराई जाय जिन गांवों में इसकी बहुत ही अधिक जरूरत हो तथा प्रयास किया जाय कि दो वर्ष में चकबन्दी प्रक्रिया पूर्ण हो जाय। उन्होंने जनपदों में काफी संख्या में चकबन्दी वाद विगत कई वर्षों से लम्बित पाये जाने के दृष्टिगत चकबन्दी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पब्लिक प्लेस पर चकबन्दी न्यायालायों को संचालित कराकर वादां का शीघ्रता से निस्तारण कराया जाय।
अपर मुख्य सचिव, श्री गर्ग ने राहत सम्बन्धी कार्यों में समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि राहत कार्यों हेतु जो भी आवश्यकतायें हैं उसका प्रस्ताव शीघ्र भेजा जाय, ताकि समय से उसपर कार्यवाही हो सके। उन्होंने हीट वेव से बचाव के सम्बन्ध में भी अधिकारियों से विस्तार से चर्चा किया। अपर मुख्य सविच ने बाढ़ प्रभावितों में वितरित की जाने वाली राहत किट्स, बाढ़ राहत शिविर, गोताखोरों को उपलब्ध कराये जाने वाली सुरक्षा किट्स की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए बाढ़ के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले गोताखोरों को सम्मानित कराये जाने का निर्देश दिया। श्री गर्ग ने कहा कि आपदा से सम्बन्धित किसी भी स्तर पर किसी का कोई भुगतान लम्बित नहीं होना चाहिए, सभी भुगतान समय से किया जाय।
इस अवसर पर मण्डालयुक्त मनीष चौहान, जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज, अपर आयुक्त (प्रशासन) हंसराज, अपर आयुक्त (न्यायिक) कमलेश कुमार अवस्थी, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) आज़मगढ़ अनिल कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) आज़मगढ़ आजाद भगत सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी आज़मगढ़ जेपी सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी बलिया अनिल कुमार अग्निहोत्री, बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी मऊ एवं बलिया क्रमशः गोरखनाथ एवं अनिल कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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