दिल दहलाने वाला हादसा : कार की थी 150 की रफ्तार

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घिसटती रही स्कूटी...एक-एक कर गिरते रहे शव, खून से लाल हुई सड़क
लखनऊ। लखनऊ के गुलाचीन मंदिर विकासनगर मोड़ के पास मंगलवार देर रात एक प्रॉपर्टी डीलर ने नशे में धुत होकर मौत की एसयूवी दौड़ाई। स्कूटी में टक्कर मारकर उसको करीब 100 मीटर तक घसीटता रहा। आखिर में डिवाइडर से टकराकर एसयूवी बंद हो गई। तब वह वहां से भाग निकला। हादसे में दंपती और उनके दोनों बेटों की मौत हो गई। हादसा देख राहगीरों की रूह कांप गई। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द किए गए। पुलिस ने प्रॉपर्टी डीलर राजेंद्र पाल पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। मूलरूप से सीतापुर के लहरपुर तंबौर (गांव हैथा) निवासी राम सिंह (35) विकासनगर सेक्टर तीन में किराये के मकान में पत्नी ज्ञानवती (32) व बेटे राज (13) व अंश (8) के साथ रहते थे। मंगलवार को वह परिवार समेत अलीगंज में बड़े मंगल पर मेला देखने गए थे। रात करीब दो बजे स्कूटी से लौट रहे थे। जैसे ही विकासनगर मोड़ से लेखराज की तरफ मुड़े वैसे ही टेढ़ी पुलिया की तरफ से आ रही तेज रफ्तार बेकाबू एसयूवी ने स्कूटी में टक्कर मार दी। स्कूटी समेत पूरा परिवार एसयूवी में फंस गया। तब भी चालक ने एसयूवी नहीं रोकी। ऐसे में सभी करीब सौ मीटर तक घिसटते चले गए। स्कूटी फंसे होने की वजह से खुद ही गाड़ी रुक गई तब चालक वहां से भाग निकला। हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी।
हादसे की वजह नशा और रफ्तार थी। प्रॉपर्टी डीलर राजेंद्र पाल बेतहाशा नशे में था। एसयूवी रफ्तार में दौड़ाता चला आ रहा था। फुटेज से इसकी पुष्टि हुई। पुलिस के मुताबिक, हादसे के वक्त एसयूवी की रफ्तार तकरीबन 150 किमी प्रति घंटा रही होगी। स्कूटी जब घिसट रही थी तो चिंगारी निकल रही थी। एक के बाद एक राम सिंह, फिर ज्ञानवती और उनका छोटा बेटा छिटक कर इधर उधर गिर गए। राज आखिर तक फंसा रहा। जब एसयूवी रुकी तो उसके नीचे स्कूटी थी और राज के सिर से खून ही खून निकल रहा था। जहां से टक्कर मारी थी और जहां पर एसयूवी रुकी वहां तक खून फैला था। हादसा देख राहगीरों की रूह कांप गई। उन्होंने पुलिस व एंबुलेंस को सूचना देकर मदद करने की जद्दोजहद में जुट गए। चूंकि चारों का शरीर खून से सना था। कोई हरकत नहीं थी। शरीर भर में जख्म ही जख्म थे। लिहाजा किसी की हिम्मत नहीं पड़ रही थी कि उनको उठाकर अस्पताल तक भिजवा सकें।
जब पुलिसकर्मी पहुंचे तब वह किसी तरह से चारों को एंबुलेंस में डालकर अस्पताल पहुंचाया। सबसे अधिक बेबसी तब दिखी जब राज एसयूवी के नीचे दबा था और उसको निकालना मुश्किल हो रहा था। लोग उठाने का प्रयास कर रहे थे क्योंकि उनकी आंखों के सामने उसकी जान निकल रही थी, लेकिन कुछ कर नहीं पा रहे थे। पुलिस की अब तक की जांच के मुताबिक, एसयूवी में अकेला राजेंद्र था। हालांकि लोगों में चर्चा थी कि एसयूवी में तीन लोग सवार थे। अगर ये सच है तो सवाल है कि वो कौन लोग थे। पुलिस का कहना है कि फुटेज से स्पष्ट हो गया है कि गाड़ी राजेंद्र ही चला रहा था। उसके हाथों ही हादसा हुआ है। इसलिए उस पर कार्रवाई की गई है। अन्य किसी के होने की पुष्टि नहीं हुई है।

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