एमएमबीएस की पढ़ाई कर रही लड़की की रूस में हुई मौत

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विदेश मंत्रालय की पहल पर घर पहुंचा शव
गोरखपुर। रूस में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही गोरखपुर के गगहा के मझगांवा गांव की एक छात्रा की वहां मौत हो गई। तबीयत खराब होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आपरेशन के बाद उसकी मौत हो गई। सदर सांसद रविकिशन के पत्र और विदेश मंत्रालय की पहल पर शुक्रवार रात करीब साढ़े नौ बजे उसका शव गोरखपुर स्थित घर पहुंचा। परिवार का आरोप है कि समय पर सही इलाज न मिलने की वजह से उनकी बेटी की जान गई है। मूलरूप से मऊ के कोपागंज निवासी अनिल कुमार राय की पत्नी मधुबाला गगहा के हाटा बाजार अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर बेसिक हेल्थ वर्कर हैं। मझगांवा के राधिका महाविद्यालय के पास उनका आवास है। उनकी दो बेटी गरिमा व गार्गी और एक बेटा है। बड़ी बेटी गरिमा प्राथमिक विद्यालय में टीचर हैं, जबकि बेटा सुयश हरियाणा में जॉब कर रहा है। गार्गी साल 2019 से रूस के वोरोनेश स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस कर रही थी और अभी पांचवें साल में थी। (रूस में एमबीबीएस का कोर्स पांच साल दस महीने का होता है। बताया जा रहा है कि 9 मई को गार्गी ने मां को फोन किया था। उसने बताया कि बुखार व पेट में दर्द है। मां के कहने पर गार्गी ने मेडिकल कालेज में ही जांच कराई तो पेरेटोनियमलेयर की परेशानी मिली। इसके बाद 11 मई को डॉक्टरों ने सर्जरी की। ऑपरेशन के बाद वह ठीक थी। ऑपरेशन के करीब 48 घंटे बाद अचानक उसकी मौत हो गई। गार्गी के सहपाठी ने 13 मई को घर पर फोन कर उसकी मौत की सूचना दी। बेटी की मौत की खबर मिलने के बाद परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों को सूझ नहीं रहा था कि शव कैसे आएगा। ऐसे में गार्गी के सहपाठियों ने रूस से मदद की। रूस में ही मेडिकल अंतिम वर्ष के छात्र कुशीनगर निवासी अंकित राय ने वहीं से सदर सांसद रवि किशन को फोन कर सारी बात बताई और शव भारत पहुंचाने के लिए मदद मांगी। इसके बाद सांसद ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा। मंत्रालय में बात भी की। उनकी पहल पर शुक्रवार रात करीब साढ़े नौ बजे गार्गी का शव मझगांवा स्थित घर पहुंचा। गार्गी के भाई ने बताया कि शनिवार को दोहरीघाट में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मां मधुबाला ने बताया कि बेटी से आखिरी बार शुक्रवार (12 मई) को बात हुई। यह बात वीडियो कालिंग कर उसके सहपाठियों के माध्यम से हुई थी। तब तक वह ठीक थी। अचानक शनिवार को उसकी मौत की सूचना मिली। वहां के छात्रों ने बताया कि सीनियर डाक्टर शनिवार और रविवार को मरीज नहीं देखते। उन्होंने कहा कि अगर डाक्टर उस समय मौजूद होते तो शायद गार्गी बच जाती। उन्होंने बेटी की मौत के लिए रूस के मेडिकल कालेज के डॉक्टरों पर भी आरोप लगाया।ं

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