दरोगा की मौत का हुआ खुलासा

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घर में बंद मिली थी दरोगा की लाश
अलीगढ़। अलीगढ़ में क्वार्सी के देवसैनी इलाके में मकान बनाकर रह रहे बुलंदशहर निवासी एटा के गैरहाजिर दरोगा बेसुध हालत में बंद मकान में मिले थे। पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही हत्या का खुलासा कर दिया। दरोगा की हत्या उसके भतीजे ने की थी, जिसके बाद ऐसा नाटक रचा कि सभी मौत का कारण दम घुटने से समझें। पुलिस ने भतीजे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दरोगा की मौत का खुलासा करते हुए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि भतीजे राहुल ने अपने ताऊ रामजीलाल की आपसी अनबन के चलते हत्या की थी। हत्यारोपी ने पूछताछ में बताया कि घटना वाले दिन शाम को खाना खाने के बाद भतीजे और ताऊ में झगड़ा हुआ। भतीजे ने अपने ताऊ का गला दबाया, जिससे वह बेसुध हो गए। उसके बाद नकली क्राइम सीन बना कर शव को कमरे में अंदर बंद कर दिया। गुमराह करने के लिए हाथ डालकर बाहर से ही दरवाजे को बंद कर दिया। सुबह ताऊ के पुत्र आदि को बुलाकर गेट को कटर से कटवाया। मृतक दरोगा राजजीलाल की पत्नी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। हत्यारोपी भतीजे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
मूल रूप से बुलंदशहर डिबाई के गांव गालिबपुर के 52 वर्षीय दरोगा रामजीलाल की तैनाती एटा के जसरथपुर थाने में थी। परिवार में पत्नी अंगूरी देवी, बेटा रंजीत व संदीप हैं। एक बेटा ग्राम विकास अधिकारी के पद पर तैनात है। पुलिस जांच व परिवार के अनुसार कुछ समय पहले रामजीलाल ने देवसैनी में मकान बना लिया था। मगर परिवार से अनबन के चलते पत्नी व दोनों बेटे पिता से अलग रहते हैं। रामजीलाल कुछ समय से गैरहाजिर रहकर अपने मकान में अकेले रह रहे थे। बृहस्पतिवार सुबह दस बजे बेटे रंजीत ने पुलिस को सूचना दी कि पिता घर के अंदर बेसुध पड़े हैं और दरवाजे पर अंदर से ताला लगा हुआ है। इस पर क्वार्सी पुलिस मौके पर पहुंची और वीडियोग्राफी के बीच ताला तुड़वाकर मकान खुलवाया गया।
रामजीलाल बेसुध पड़े थे। उन्हें दीनदयाल अस्पताल में भरती कराया गया। जहां शाम चार बजे मृत घोषित कर दिया गया। इस दौरान परिवार से बातचीत पुलिस को बताया गया कि वह बीमार चल रहे थे। दिमागी बीमारी का उपचार भी चल रहा था। अंदेशा जताया गया कि अकेले होने के कारण गिर गए या फिर दम घुटने से मौत हो गई। इस पर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मगर देर शाम पोस्टमार्टम में मौत का कारण गले की हड्डी टूटी होना और गला दबाया जाना आने पर पुलिस के कान खड़े हुए। पोस्टमार्टम में गले पर नाखून के निशान, दबाने के निशान, कलाई पर खरोंच के निशान व संघर्ष जैसा अंदेशा जताते हुए शरीर पर चोट व रगड़ के निशान भी पाए गए।

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