आजमगढ़ः मौत के मुंह से बाहर आई ईवांशी

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महिला चिकित्सालय के डाक्टरों ने दिया नया जीवन
पंजाब में इलाज पर लाखों खर्च के बाद हताश माता-पिता के चेहरे पर लौटी खुशियां
आजमगढ़। शहर के मातवरगंज स्थित महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन महिला चिकित्सालय के चिकित्सकों ने एक माह से मरणासन्न ईवांशी को नया जीवन दिया है। चिकित्सकों के इस कृत्य से हताश माता-पिता के चेहरे पर खुशी लौट आई है। 21 दिन के गहन इलाज के बाद कल ईवांशी को घर जाने के लिए अनुमति दी जाएगी।
दरअसल, जिले की कंधरापुर निवासी पूजा यादव की शादी चन्द्रशेखर यादव से हुई। चन्द्रशेखर पजांब के लुधियाना शहर में निजी कंपनी में कार्यरत है। वहीं अपनी पत्नी के साथ रहते है। 13 मार्च को गर्भवती पूजा ने लुधियाना सिविल हास्पिटल में एक बच्ची ईवांशी को जन्म दिया। जन्म के समय ही ईवांशी के फेफड़े में संक्रमण हो गया। वहां के चिकित्सकों ने ईवांशी को चंडीगढ़ के पीजीआई के लिए रेफर कर दिया। परिजनों ने इलाज के लिए ईवांशी को पीजीआई में भर्ती कराया। लेकिन चिकित्सकों ने 12 घंटे इलाज के बाद ईवांशी को रेफर कर दिया। तब परिजनों ने ईवांशी को इलाज के लुधियाना के निजी कैंसर हास्पिटल में भर्ती कराया। दस दिन में लाखों रूपए खर्च होने के बाद भी ईवांशी के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था। हताश परिजनों ने महिला चिकित्सालय के फार्मासिस्ट रण विजय सिंह से फोन पर वार्ता की। तब उन्होंने महिला चिकित्सालय में भर्ती कराने का सुझाव दिया। परिजनों ने 21 दिन पहले ईवांशी को पंजाब से लाकर महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। इस संबंध में बाल रोग विशेषज्ञ डा. शैलेश कुमार सुमन ने बताया कि 21 दिन पहले ईवांशी को माता-पिता लेकर यहां महिला चिकित्सालय लाए थे। इसके पहले बच्ची का पंजाब में इलाज किया गया। इस दौरान वहां लाखों रूपए खर्च के बाद भी उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा था। यहां जब इसको देखा गया तो पाया गया कि इसके फेफड़े में संक्रमण है और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। लेकिन यहां 21 दिन के इलाज के बाद अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है उसका वजन भी बढ़ रहा है माता-पिता को चिकित्सकीय सलाह के बाद उसको कल डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

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