बेडरूम में फंदे से लटकी मिली फैशन डिजाइनर की लाश

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मरने से पहले इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया वीडियो, कहा- मुझे किसी ने नहीं समझा
मुरादाबाद। मुरादाबाद में शुक्रवार को 25 साल की फैशन डिजाइनर का शव कमरे में फंदे से लटका मिला। मुस्कान होली पर मुंबई से घर आई थी। इसके बाद से वापस नहीं गई। पिता ने कहा- घर लौटने के बाद से वह काफी परेशान थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच तड़ताल शुरू कर दी है। अभी तक सुसाइड नोट नहीं मिला है। मामला सिविल लाइन्स एरिया का है।
सुसाइड से कुछ घंटे पहले मुस्कान ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया था। इसमें उन्होंने कहा, "आज यह मेरी आखिरी वीडियो होगी। इसके बाद शायद आप लोग मुझे कभी देख नहीं पाएंगे। लोग बोलते हैं कि लाइफ में अपनी प्रॉब्लम शेयर करो। शेयर करने से सब सही हो जाता है। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ।
मैंने दोस्तों और बहनों और घरवालों को समझाने की बहुत कोशिश की। लेकिन सब उल्टा मुझे समझाने लगे। ये जो आज मैं कर रही हूं। सब मैं अपनी मर्जी से कर रही हूं। इसमें किसी का इन्वॉलमेंट नहीं है। तो आप प्लीज किसी को ब्लेम न करें।''
पिता चंद्र प्रकाश नारंग ने बताया, ''शुक्रवार सुबह 8 बजे तक बेटी अपने बेडरूम से बाहर नहीं आई। इसके बाद मैंने उसे आवाज दी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। उसका कमरा अंदर से बंद था। खिड़की से झांककर देखा गया, तो मुस्कान का शव अंदर पंखे पर फंदे से लटक रहा था। पता नहीं क्या हुआ, जो उसने इस तरह का कदम उठा लिया?
इससे परिवार में चीख पुकार मच गई। कुछ ही देर में आस-पड़ोस के लोग भी जुट गए। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने धक्का देकर दरवाजा को तोड़ा। इसके बाद शव को फंदे से नीचे उतरा गया। जांच पड़ताल करने के बाद शव पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया।
रामगंगा विहार चौकी क्षेत्र के नवीन नगर कॉलोनी में चंद्रप्रकाश नारंग परिवार समेत रहते हैं। वह बिजनेसमैन हैं। नारंग की 3 बेटी और एक बेटा है। उनमें मुस्कान सबसे बड़ी थी। वह मुंबई की एक कंपनी में फैशन डिजाइनर थी। पिता ने बताया कि वह यहां आने के बाद से ही परेशान थी। उसको क्या परेशानी है? इस बारे में उसने कुछ नहीं बताया।
पिता ने बताया, ''हम लोगों ने बेटी को समझाया, तो वह नॉर्मल लग रही थी। रात में भी ऐसी कोई बात नहीं थी। गुरुवार रात को रोज की तरह ही मुस्कान ने पूरी फैमिली के साथ खाना खाया। कुछ देर आपस में सभी लोगों ने बातें की। इसके बाद सभी लोग अपने-अपने कमरे में सोने चले गए। तब तक ऐसा एहसास भी नहीं था कि मुस्कान के मन में आत्महत्या जैसा कोई ख्याल चल रहा है।''

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