आजमगढ़ पब्लिक स्कूल में बाल-सुरक्षा पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन

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हर बच्चे की सुरक्षा हमारी नैतिक एवं विधिक जिम्मेदारी-रामकृष्ण सावरंकर
प्रबंधक मोहम्मद नोमान ने अपर पुलिस-निदेशक को पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंटकर व्यक्त किया आभार
आजमगढ़। आजमगढ़ पब्लिक स्कूल में 10 मार्च को बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम 2012 (पॉक्सो एक्ट) के तहत अध्यापकों के लिये एक संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसके मुख्य अतिथि 1996 बैच के आईपीएस अपर पुलिस-निदेशक डॉ रामकृष्ण सावरंकर थे। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम 2012 के बारे में सभी को जागरुक करना था। डॉ सावरंकर ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज के समय में हर बच्चे की सुरक्षा करना हम सभी की नैतिक एवं विधिक जिम्मेदारी है, उन्होंने बताया कि पॉक्सो एक्ट के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों के किसी भी प्रकार का उत्पीड़न, इस कानून के दायरे में आता है। यह अधिनियम लड़के और लड़कियों को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है, इस बाल संरक्षण अधिनियम का मुख्य उद्देश्य बच्चों के हितों की रक्षा करना और उसका कल्याण सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना की शिकायत करने के लिए अभिभावक, अध्यापक एवं छात्र किसी भी प्रकार का संकोच न करें।

इस संगोष्ठी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को इस अधिनियम के प्रावधानों से अवगत करना था, डॉ सावरंकर ने शिक्षाकों को इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्हे बताया कि वे इस प्रकार के अपराध के रोक-थाम में सरकार एवं पुलिस प्रशासन की किस प्रकार से सहायता कर सकते हैं एवं किस प्रकार से जागरूकता के माध्यम से बालकों अवं बालिकाओं की रक्षा करने में अपना योगदान दे सकते हैं।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक मोहम्मद नोमान ने उनका अभिवादन करते हुए पुष्पगुच्छ के साथ स्मृति चिन्ह भेंटकर आभार व्यक्त किया। उक्त अवसर पर विद्यालय की संयोजिका ऋचा मिश्रा ने संपूर्ण कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। इस कार्याक्रम में शेख अबुल्लाह ने मंच संचालन का काम सुचारु रूप से किया। इस अवसर पर अन्य शिक्षक एवं शिक्षिकाएं भी उपस्थित रहे।

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