पीसीएस अफसर मणिमंजरी राय की आत्महत्या मामले में दोषियों को सजा

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बलिया। बलिया में मनियर नगर पंचायत की ईओ रहीं पीसीएस अफसर मणिमंजरी राय की आत्महत्या मामले में दो दोषियों को सात-सात साल की कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही दस हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार की अदालत ने फैसला सुनाया। जुलाई 2020 में महिला अफसर ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मामले में तत्कालीन नगर पंचायत चेयरमैन समेत कई लोगों पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
गाजीपुर के भांवरकोल थाना क्षेत्र के कनुआन गांव निवासी मणि मंजरी राय मनियर नपं में ईओ के पद पर तैनात थीं। वह शहर कोतवाली क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी में किराए के मकान में रह रही थीं। छह जुलाई 2020 की देर रात पंखे के हुक से फांसी लगाकर मणि मंजरी ने आत्महत्या कर ली थी।
मणि मंजरी के भाई विजयानंद राय ने आठ जुलाई 2020 को थाने में तहरीर देकर मनियर नपं के चेयरमैन भीम गुप्ता, सिकंदरपुर के अधिशासी अधिकारी संजय राव, नपं मनियर के टैक्स बाबू विनोद सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर अखिलेश व निजी चालक चंदन कुमार को आरोपी बनाया था।
पुलिस ने तहरीर के बाद पांचों आरोपियों के खिलाफ धारा 306 व 201 आईपीसी के तहत मुकदमा हुआ था। इस मामले में चेयरमैन भीम गुप्ता, कंप्यूटर बाबू अखिलेश व चालक चंदन कुमार जेल गए। जबकि टैक्स बाबू विनोद सिंह ने हाईकोर्ट से अरेस्ट स्टे ले लिया था। नपं सिकंदरपुर के ईओ संजय राव को पुलिस ने क्लीनचीट दे दिया था।
चेयरमैन भीम गुप्त फिलहाल जमानत पर बाहर हैं और उनके विचारण पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखी है। सोमवार को मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अमृतपाली निवासी चालक चंदन कुमार पुत्र सूर्यनाथ वर्मा तथा मनियर निवासी कम्प्यूटर आपरेटर अखिलेश कुमार पुत्र त्रिलोकी प्रसाद को दोषी मानते हुए सात-सात वर्ष कठोर कारावास और 10 हजार रुपय के अर्थदंड की सजा सुनायी है।
अर्थदंड नहीं देने पर अभियुक्त को तीन माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियोजन की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार सिंह तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अवधेश तिवारी व हरिवंश सिंह ने पक्ष रखा।

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