आजमगढ़ : प्रतिभाओं को उनकी माटी से जोड़ना सराहनीय-सतीश चन्द्र द्विवेदी

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अमृत महोत्सव पर आजमगढ़ के 75 प्रतिभावानों का हुआ सम्मान
आजमगढ़। जो जर्रा यहां से उठता है, वो नैय्यरे आजम होता है...प्रख्यात शायर इकबाल सुहैल की उक्त पंक्तियां समय-समय पर आजमगढ़ियों के सम्मान में पढ़ी जाती है अबकि बार यह पंक्तियां आजमगढ़ के ही कुशमहरा गांव में आयोजित में 75 उदीयमान युवा सम्मेलन-होली मिलन एवं अभिनन्दन समारोह के दौरान पढ़ी गई। इस दौरान कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य अतिथि पूर्व बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी का जोरदार स्वागत कार्यक्रम संयोजक डा भगवान सिंह ने बुके भेंट कर किया। सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी ने कहाकि अमृत महोत्सव की कड़ी में आजमगढ़ के कुशमहरा गांव में जनपद से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के 75 प्रतिभाशाली नौजवानों का शानदार अभिनंदन समारोह संभवतः उत्तर प्रदेश के किसी गांव में अमृत महोत्सव का यह पहला कार्यक्रम है। यह समारोह आजमगढ़ के प्रतिभाशाली नौजवानों को सम्मानित करने, युवा पीढ़ी को नई ऊंचाइयां छूने के लिए प्रेरित करने तथा सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। ऐसे कार्यक्रमों से विराट हिंदू समुदाय को भावनात्मक रूप से जोड़ने में भी बहुत मदद मिलती है तथा ऐसा कार्यक्रम नगरों और महानगरों से दूर-सुदूर ग्रामीणांचल में आयोजित करना और भी सराहनीय कदम है।
मुख्य अतिथि सतीश चन्द्र द्विवेदी व कार्यक्रम संयोजक डा भगवान सिंह ने अमृत महोत्सव पर पहुंचे 75 प्रतिभावान युवकों को संयुक्त रूप से सम्मानित किया। जिसमे आईएएस, पीसीएस और अन्य नव चयनित प्रशासनिक अधिकारी, ग्राम प्रधानों व एक दर्जन राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के 55 नवनियुक्त प्रोफेसर को अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। गोरखपुर के पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी क्षेत्र) अरूण कुमार सिंह ने कहा कि अपने ही गांव और अपने क्षेत्र में सम्मानित होना अभिभूत करने वाला क्षण है। कार्यक्रम के अन्य विशिष्ट अतिथि उपनिदेशक जौनपुर राकेश प्रताप सिंह एवं फुपुक्टा के महामंत्री प्रो. प्रदीप कुमार सिंह ने भी आयोजन की सराहना करते हुए युवा पीढ़ी को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। आजमगढ़ के प्रतिभावानों के सम्मान में शिक्षक नेता डा प्रवेश सिंह ने कहाकि हां, वहीं लोग बड़े हुए है, अपने पैरों पर जो खड़े हुए है, शुक्रिया तेरा खाक-ए-आजमगढ़, हम यहीं खेल कर बड़े हुए है पढ़कर उपस्थितजनों व युवा पीढ़ी को अपने माटी से जुड़े रहने की अपील किया। समारोह के अंत में आजमगढ़ के सारे प्रतिभाशाली युवाओं की ओर से आयोजनकर्ता डॉ श्री भगवान सिंह को भी सम्मानित किया गया।
आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए आयोजक, गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ डिग्री कॉलेज के प्राचार्य व कुशमहरा गांव निवासी डॉ भगवान सिंह ने बताया कि सम्मानित होने वाले इसी माटी से निकलकर आज देश की सेवा कर रहे है, आजमगढ़ को ऐसे आयोजन से और अधिक उपजाऊ बनाने का प्रयास आगे भी जारी रखा जाएगा। कार्यक्रम का शुभारंभ रुद्राष्टकम के पाठ, शंखध्वनि, दीप प्रज्वलन एवं मंचस्थ अतिथियों को हल्दीघाटी की वीर भूमि की मिट्टी का तिलक लगाकर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर वंशबहादुर, डा युवराज सिंह, डा दिनेश सिंह, डा अवनीश, डा पुरंजय, डा इंद्रजीत, डा वेदकुमार, डा अभिषेक, डा धीरेन्द्र, चण्डिका नंदन सिंह सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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