आजमगढ़ : रंग लाई रामकुंवर की मेहनत, दूर होगी मासूम की द्विव्यांगता

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ईलाज के लिए आगे आए स्कूल के बच्चे, गुल्लक फोड़ जुटाई 35 हजार की मदद
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। चिकित्सकीय लापरवाही के चलते एक हाथ लगभग गंवा चुके सात वर्षीय पुत्र के इलाज के लिए दर- दर भटक रहे पिता को आशा की उम्मीद अब दिखाई पड़ने लगी है। उसके उपचार के लिए खर्च होने वाली 12 लाख रुपए जुटाने के लिए भिक्षाटन करने का संकल्प ले चुके तरवां क्षेत्र के समाजसेवी व पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामकुंवर यादव की घोषणा का असर यह हुआ कि मासूम के ईलाज हेतु अतरौलिया क्षेत्र में स्थित स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों ने अपने गुल्ल फोड़ कर देखते ही देखते 35 हजार रुपए इकट्ठा कर लिया। अब तो द्विव्यांग बच्चे के उपचार में आर्थिक सहयोग करने वाले लोग भी सामने आने लगे हैं। सोमवार को उपचार के लिए अपंगता का दंश झेल रहे बालक को जिले के राजकीय मेडिकल कालेज में भर्ती कराए जाने की तैयारी चल रही है।
अतरौलिया विकास खंड ग्राम पंचायत गोविंदपुर निवासी वीरेंद्र मौर्य का इकलौता मासूम सात वर्षीय पुत्र राजबहादुर मौर्य जो कक्षा दो का छात्र है। बालक पिछले वर्ष 23 नवंबर को अपने साथियों के साथ खेल रहा था कि उसी दौरान उसके दाहिने हाथ में चोट लगने से फैक्चर हो गया। जिले के कई प्रतिष्ठित हास्पिटल में दवा- इलाज कराने के बाद भी बच्चे को आराम नहीं मिला तो थक हारकर चक्रपानपुर स्थित सुपर फैसिलिटी अस्पताल पहुंचे पिता को डाक्टरों ने बताया कि बालक के हाथ में सड़न हो रही है, इसके इलाज के लिए 12 लाख खर्च होंगे। यह सुनते ही पिता के पैरो तले जमीन खिसक गई। लाचार पिता को किसी ने इस तरह के पीड़ादायक मामलों के चलते सुर्खियों में रहे सामाजिक कार्यकर्ता रामकुंवर यादव के बारे में जानकारी दी। बच्चे के पिता की आपबीती सुनकर गरीब व असहायों कि मदद करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता रामकुंवर यादव की अपील का असर रहा कि 15000 रूपए गूगल पे के माध्यम से उक्त बालक के पिता के खाते में पहुंच चुका है। बालक के जीवन को बचाने के लिए अब समाज के लोग आगे आ रहे हैं। रामकुंवर यादव उक्त बालक के जीवन की सलामती के लिए अतरौलिया की धरती पर जल्द भिक्षाटन करने वाले हैं। इसी क्रम में शनिवार को प्राथमिक विद्यालय गोरहरपुर अतरौलिया के प्रधानाध्यापक रामवृक्ष राम जी के नेतृत्व में उक्त विद्यालय के शिक्षक व छात्र-छात्राओं ने 20000 रुपए जुटाकर दवा-इलाज के मासूम राजबहादुर के पिता वीरेंद्र मौर्य को दिया। बताते चलें कि गरीब असहाय पीड़ित मासूम राजबहादुर मौर्य प्राथमिक विद्यालय गोरहरपुर में कक्षा दो का छात्र है।

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