आजमगढ़ : विचारधीन मुकदमे के बाद भी बिना नोटिस के ट्यूबवेल को तोड़-फोड़ किए जाने का आरोप

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आजमगढ़। तहसील बूढ़नपुर के तहसीलदार व स्थानीय लेखपाल द्वारा न्यायालय में विचारधीन मुकदमें के बाद भी बिना नोटिस दिए ट्यूबवेल में तोड़-फोड़ किए जाने का आरोप लगाते हुए पीड़ित ने बुधवार को मुख्यमंत्री को प्रार्थना-पत्र भेजा है। पीड़ित का आरोप है कि ट्यूबवेल जर्जर हो जाने के कारण उसकी मरम्मत कराना चाहता है। लेकिन जब मरम्मत करना शुरू किया तो हल्का लेखपाल द्वारा तीस हजार रूपए की मांग की गई। रूपए न देने पर ट्यूबवेल को तोड़ने व फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई।
दरअसल, बूढ़नपुर तहसील के ग्राम किशुनदेवपुर निवासी लालजी चतुर्वेदी पुत्र रमाशंकर चौबे का आरोप है कि करीब 35 साल पहले ग्राम प्रधान व लेखपाल की खुली बैठक कर सिंचाई हेतु ट्यूबवेल लगवाने के लिए जमीन पट्टा की गई थी। तब से उसी ट्यूबवेल से सिंचाई का कार्य किया जा रहा है। 6 अप्रैल 2021 को हल्का लेखपाल द्वारा एक खसरा की कापी दिया गया जिसमें स्पष्ट रूप से उक्त ट्यूबेल को दर्शाया गया है। इसी बावत न्यायालय सिविल जज अवर खंड हवेली में मुकदमा संख्या 129 सन 2023 लालजी बनाना उत्तर प्रदेश सरकार आदि विचारधीन है। इसके बावजूद राजस्व विभाग के कर्मचारी अवैध धन उगाही के फिराक में लगे रहते है। उनका आरोप है कि बुधवार को तहसील बूढ़नपुर के तहसीलदार व स्थानीय लेखपाल ने अपने दल बल के साथ बिना किसी पूर्व सूचना के ट्यूबेल को ध्वस्त कर दिया गया।

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