आजमगढ़ : उर्दू भाषा के लिए कीमती सरमाया थे फैज अहमद फैज-प्रोफेसर आसिफ ज़हरी

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मुबारकपुर गर्ल्स डिग्री कालेज में जश्न ए फैज़ का हुआ आयोजन
डाक्टर शमीम अहमद ने फैज़ अहमद अहमद फैज़ की जीवन पर डाली रोशनी
रिपोर्ट-फैज खलीली
मुबारकपुर-आज़मगढ़। मुबारकपुर गर्ल्स डिग्री कालेज में दिन में दो बजे से जश्न ए फैज़ का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता कालेज के मैनेजर डाक्टर शमीम अहमद पूर्व चेयरमैन नगर पालिका मुबारकपुर और संचालन आमिर फहीम रिसर्च स्कॉलर मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी जोधपुर ने की। इस अवसर पर प्रोफेसर अज़ीज़ुल्लाह शीरानी मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी जोधपुर ने डाक्टर शमीम और आमिर फहीम को मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि फैज़ तरक्की पसंद के कामयाब शायर कवि समझे जाते हैं तरक्की पसंद हल्कों से बाहर के लोग भी इस बात को स्वीकार करते हैं। फैज़ अहमद फैज़ का आगाज रूमानी शायर के तौर पर हुआ था। फ़ैज़ एक आम लेखक और शायर से बेहतर ज़िंदगी जीते थे। वह हमेशा लोगों के प्यार से घिरे रहते थे। वह जहां भी जाते लोग उन्हें दीवाने की तरह प्यार करते थे।
प्रोफेसर आसिफ ज़हरी जे एन यू देहली ने सम्बोधित करते हुए कहा कि फ़ैज़ अहमद फैज़ जब तक जीवित रहे लिखते-पढ़ते रहे। उन्होंने अपनी कविता को लोगों के बेहतर मार्गदर्शन का साधन समझते थे इसलिए उन्होंने इस फन की बारीकियों को बहुत पहले ही महसूस करके उसे मानव कल्याण के लिए बेहतर साधन तसलीम कर लिए थे। जिससे उनकी रचनात्मक उपलब्धियां उनकी अलग पहचान कायम कर देती है उर्दू भाषा और अदब के लिए एक कीमती सरमाया है। इस के इलावा डाक्टर शमीम अहमद और अम्मार अदीबी मुबारकपुर ने फैज़ अहमद अहमद फैज़ की जीवन पर रोशनी डाली।
इस अवसर प्रोफेसर शहज़ाद अहमद, हाजी हशमतुल्लाह, हाजी अब्दुर्रहमान, मास्टर फारूक सर, हाजी इफ्तिखार हाजी अबू बकर सूट वाले, मौलाना इनामुर्रहमान, मरगूब अहमद, रिज़वान अहमद, अनवारूल हक, जमाल अशरफ, अहमद हुसैन, कारी शफीक अहमद, मास्टर कमर सेराज, वकार सभासद, कमाल अख्तर, नईम संगम, मोइनुद्दीन, नाज़िया एरम, उज़्मा एरम, नुज़हत फातमा, सादिया सुम्बुल आदि उपस्थित थे।

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