रोना और वीडियो फुटेज दिखाना भी नहीं आया काम

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आठ अफसरों को मिला सपा विधायक इरफान सोलंकी को गिरफ्तार करने का टास्क
कानपुर। कानपुर के सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आगजनी के आरोप में घर पर पुलिस की दबिश से बचने के लिए वह लखनऊ पहुंचे हुए हैं। सपा दफ्तर के बाहर खुलेआम रोना और पत्नी का सीसीटीवी वीडियो का फुटेज दिखाना भी काम नहीं आया है। विधायक और उनके भाई रिजवान सोलंकी की गिरफ्तारी का टारगेट आठ अफसरों को दिया गया है। जाजमऊ पुलिस भी गिरफ्तारी में लगी है। एसआई देवेन्द्र कुमार को घटना का विवेचक बनाया गया है। उनके ऊपर विधायक या अन्य कोई राजनीतिक व्यक्ति दबाव न बना सके, इसके लिए ज्वाइंट सीपी ने एसीपी कोतवाली के नेतृत्व में एक और टीम गठित कर दी है। यह टीम विवेचना में सहयोग करेगी, साथ ही जहां दबिश देनी होगी, वहां मदद करेगी।
जाजमऊ थाने में विधायक और उनके भाई के खिलाफ गम्भीर धाराओं में एफआईआर दर्ज है। विवेचक के अलावा इस मामले का पर्यवेक्षण एसीपी कैंट, एडीसीपी ईस्ट, डीसीपी ईस्ट करेंगे। विवेचना की गुणवत्ता के लिए ज्वाइंट सीपी और पुलिस कमिश्नर समीक्षा करेंगे। ज्वाइंट सीपी ने विवेचक की मदद के लिए एसीपी कोतवाली अभिषेक पाण्डेय, इंस्पेक्टर कर्नलगंज रत्नेश सिंह व उनके दो सिपाही, इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच दीनानाथ मिश्रा, एसआई बाबूपुरवा मनीष चौहान, एसआई जाजमऊ प्रवीण कुमार, हेड कांस्टेबल चकेरी विनोद और सर्विलांस सेल में तैनात हेड कांस्टेबल शिवराम सिंह के अलावा पूर्वी जोन की सर्विलांस टीम को लगाया गया है। ज्वाइंट सीपी ने टीम को निर्देश दिए हैं कि जब गिरफ्तारियां हो जाएंगी, तो इस टीम ने क्या-क्या कार्रवाई की, इस बारे में एक लिखित रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

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