दरोगा ने ही हजम कर लिया दरोगा का दो हजार रूपये

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पीड़ित दरोगा पहुंचा एसपी के पास, कहा अब तक नहीं मिली दावत
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की प्रयागराज कोतवाली में तैनात एक एसआई का अजब-गजब पत्र वायरल हो रहा है। पत्र में एसआई ने अपने ही विभाग के एक चौकी इंचार्ज पर दो हजार रूपये जब्त करने का आरोप लगाया है। रकम छोटी है बात ये नहीं बल्कि मामले में खास बात तो ये है कि एसआई ने ये दो हजार रूपये चौकी के स्टॉफ को दावत कराने के लिए दी थी, जो चौकी इंचार्ज महोदय ने डकार ली। पत्र के मुताबिक पीड़ित एसआई रामाश्रय सिंह कोतवाली प्रयागराज के अंतर्गत स्वरूप रानी नेहरू यानी एसआरएन चौकी में तैनात है। रामाश्रय सिंह कहते हैं जब वे एसआई बने तो चौकी में ही तौनात एसआई शहंशाह खां ने एसआरएन चौकी आकर उनसे दावत कराने की पेशकश रखी। जिसपर एसआई रामाश्रय सिंह ने पूरी चौकी को दावत करवाने का निर्णय लिया।

इसी बाबत एसआई रामाश्रय सिंह ने एसआई शहंशाह खां से पूछा कि पूरी चौकी को दावत कराने में कितना खर्च आएगा। ये पूछने पर एसआई शहंशाह खां ने उन्हें पूरी चौैकी को दावत कराने का खर्च दो हजार रूपया बताया। ये सुनकर रामाश्रय सिंह ने कहा, ठीक है पूरी चौकी को दावत की व्यवस्था कराईये। बकौल रामाश्रय, उन्होने तुरंत 2000 रूपये निकालकर एसआई शहंशाह के हाथ में रख दिये। वायरल हो रहा मुहरबंद शिकायती पत्र रामाश्रय सिंह अपने दिये पत्र में लिखते हैं कि, उन्होने 25 अक्टूबर 2022 को एसआई शहंशाह खां को चौकी में दावत के लिए रूपया दिया था। लेकिन कई दिन बीत गये चौकी में किसी को दावत नहीं मिली। यह बात जब एसआई रामाश्रय ने शहंशाह से पूछी और अपने रूपये वापस मांगे। आरोप है कि शहंशाह ने उसे बिना दावत रूपये वापस करने की बजाय बेइज्जत करते हुए डांटकर भगा दिया।
यह सब होने के बाद एसआई रामाश्रय सिंह ने 9 नवंबर को एसपी नगर को पत्र लिखकर एसआई शहंशाह खां से 2000 रूपया वापस दिलाने की मांग की है। पत्र में रामाश्रय ने यह भी लिखा है कि उसका रूपया वापस होने के बाद स्वेच्छा से चौकी स्टॉफ को दावत करा सके। नीचे रामाश्रय का नाम व तैनाती का स्थान लिखा गया है। मीडियाकर्मी ने जब एसआई रामाश्रय सिंह से फोन पर बात की तो उसने हमसे पूछा, बताईये क्या कष्ट है। हमने पत्र के बारे में पूछा तो उसने पहले तो हां कहा..फिर इधर-उधर की बात कर बोला, हमें नहीं मालूम..जो है सो है। हमने शहंशाह खां से भी बात करनी चाही लेकिन शहंशाह जी का मोबाइल नंबर दो-तीन बार भी करने के बाद स्विच ऑफ ही बताता रहा। इस वायरल पत्र में खास बात यह है कि नीचे चौकी की मुहर लगी हुई है, साथ ही हस्ताक्षर भी बने हैं। हस्ताक्षर यानी लेटर (शिकायत) रिसीव। आज 11 
नवंबर है। यानी इससे दो दिन पहले 9 नवंबर को यह पत्र लिखा गया। पत्र में रामाश्रय की तरफ से कहा गया कि उसने 25 अक्टूबर को रूपया दिया था, दावत के नाम पर। हालांकि इस मामले में प्रयागराज पुलिस की तरफ से कहा गया है कि, प्रकरण को संज्ञान में लिया गया है। थाना प्रभारी कोतवाली को जांच करने के बाद आवश्यक कार्यवाही का निर्देश भी दिया गया है।

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