DM ने सुनवाई में कही कुछ ऐसी बात, वकील भी रह गए दंग

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लखनऊ। तलाकशुदा बेटी को घर से निकाले जाने के मामले में लखनऊ के डीएम सूर्य पाल गंगवार ने कुछ यूं समाधान निकाला कि पूरा माहौल भावुक हो गया। थोड़ी देर पहले ही जहां मां-बेटी आरोप-प्रत्‍यारोप के साथ एक-दूसरे पर चीख रही थी वहीं दोनों एक-दूसरे से लिपटकर रोने लगीं। एक प्रतिष्ठित परिवार से जुड़े इस मामले में अचानक ऐसा मोड़ आया कि दोनों पक्ष के वकील भी एक दूसरे को देखने लगे।
डीएम ने कहा..एक मिनट..आपने इसे जन्म दिया है। और बिटिया आपने इनकी उंगली पकड़कर चलना सीखा। मेरा आदेश समझते हुए एक बार आप लोग गले मिल लीजिए। मां-बेटी अनमने ढंग से उठती हैं, फिर गले लगती हैं। इसी बीच संवेदनाएं हिलोरें मारने लगीं। पहले मां और फिर बेटी फफक पड़ी। भरण पोषण अधिनियम के मुकदमे की अपील में पहुंची मां-बेटी की स्थिति देख डीएम ने सुलह के प्रयास शुरू कर दिए। दोनों से कहा कि परिवार एक महीने में खुद निर्णय करें।
मामला अलीगंज के एक परिवार से जुड़ा है। पिता सरकारी विभाग में वरिष्ठ अधिकारी स्तर के पद से रिटायर हुए। तीन में से एक बेटी ने लव मैरिज कर ली। इस कारण माता पिता से संबंध खराब हो गए। उधर, एक संतान होने के बाद पति ने कुछ समय बाद पल्ला झाड़ लिया।
पति के घर से निकली बेटी उस समय गर्भवती थी। गोद में एक संतान को लेकर पिता के घर पहुंची। कुछ दिन में कलह शुरू हो गई। बेटी का आरोप कि पिता ने आधी सम्पत्ति बेच दी। बाकी भी बेचना चाहते हैं। मकान उनके दादा का बनाया है जिसमें वह रहना चाहती है। माता-पिता बेटी को किसी भी सूरत बर्दाश्त नहीं करना चाहते। बेटी कह रही है कि वह बेघर बेरोजगार कहां जाए।
मामला डीएम सूर्य पाल गंगवार के सामने ही सुलझ गया। बावजूद इसके डीएम ने आदेश में कहा कि एक महीने तक माता पिता अपनी बेटी को साथ रखेंगे। उसके बाद डीएम कोर्ट को बताएंगे कि भविष्य में वह साथ रहना चाहते हैं या नहीं।

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