जागृति यादव एक दिन के लिए बनीं ब्रिटेन की उच्चायुक्त

Youth India Times
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लखनऊ। लखनऊ की 20 वर्षीय जागृति यादव भारत में एक दिन लिए ब्रिटिश उच्चायोग में उच्चायुक्त बन गईं। इसका उद्देश्य महिलाओं को अगली पीढ़ी के लिए सशक्त बनना है। इस मौके पर ब्रिटिश दूतावास ने बताया कि एक दिन के लिए उच्चायुक्त प्रतियोगिता के भारत संस्करण की छठवीं विजेता जागृति हैं। दरअसल साल 2017 से सलाना इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।
जागृति यादव ने एक दिन के लिए उच्चायुक्त' प्रतियोगिता का छठा संस्करण जीतने के बाद भारत में ब्रिटेन के शीर्ष राजनयिक के रूप में एक दिन बिताया। जागृति ने राजनयिक गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला का भी अनुभव किया जिसमें विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की। इसके अलावा जागृति ने दौरान कई कार्यक्रमों में शामिल हुईं।
उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि उन्होंने विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, वेस्ट यॉर्कशायर की मेयर ट्रेसी ब्रेबिन और विप्रो के कार्यकारी अध्यक्ष ऋषद प्रेमजी से मुलाकात की। ब्रिटिश काउंसिल में जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टीट्यूशंस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे प्रोजेक्ट लीड्स के साथ भी जागृति ने बातचीत की।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रोफेसर अजय कुमार सूद के साथ, जागृति ने स्टीम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, कला और गणित) में 75 भारतीय महिलाओं को सम्मानित करने वाली एक पुस्तक भी लॉन्च की। इस मौके पर उन्होंने कहा, "एक दिन के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त के रूप में सेवा करना बौद्धिक रूप से प्रेरणादायक अनुभव था। स्थापित व्यापारिक नेताओं के साथ चर्चा, वेस्ट यॉर्कशायर के मेयर के साथ बैठक करना अहम था।"
ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा, "एक दिन के लिए उच्चायुक्त एक ऐसा कार्यक्रम है जिसका मैं हर साल इंतजार करता हूं। जागृति मुखर और केंद्रित है और पूरे भारत में प्रतिभा दिखाती है। जैसे-जैसे महिलाएं बढ़ती हैं, हम सब उठते हैं। ब्रिटेन और भारत अनुसंधान और शिक्षा सहित लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए एक साथ बहुत कुछ करते हैं। मुझे खुशी है कि इस साल भारत के लिए शेवनिंग छात्रवृत्ति का 50 प्रतिशत महिलाओं को प्रदान किया गया है।"
बता दें कि उच्चायोग अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस यानी 11 अक्टूबर को मनाने के लिए हर साल 'एक दिन के लिए उच्चायुक्त' प्रतियोगिता का आयोजन करता है। इस साल की प्रतियोगिता के लिए पूरे भारत से 270 से अधिक लड़कियों ने आवेदन किया था।

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