बीएचयू में एलएलएम के छात्र ने हॉस्टल में लगाई फांसी

Youth India Times
By -
0

पिछले 6 महीनों में कैंपस में बढ़ीं आत्महत्या की घटनाएं
वाराणसी। बनारस में बीएचयू के अंबेडकर हॉस्टल में एलएलएम के एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। गुरुवार की सुबह कानून के छात्र की आत्महत्या की खबर आग की तरह फैल गई और जिसने भी सुना अवाक रह गया। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हाल के छह महीनों में कई छात्रों ने आत्महत्या कर ली। 27 जून को बीएचयू आईआईटी के एमटेक छात्र भगवान सिंह (28) ने विश्वेश्वरैया हॉस्टल के कमरे में फंदे पर लटककर जान दे दी थी। वहीं, 01 अगस्त को केंद्रीय विद्यालय बीएचयू वाइस प्रिंसिपल ने द्वारा नौवीं के छात्र मयंक के माता-पिता को स्कूल में अपमानित किए जाने पर सुसाइड कर लिया। इसके बाद आज यानि बुधवार की रात में एक छात्र ने अपने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। गुरुवार की सुबह कानून के छात्र की आत्महत्या की खबर आग की तरह फ़ैल गई और जिसने भी सुना अवाक रह गया। बीएचयू के कई पुरातन स्कॉलर यह चर्चा करते मिले कि आखिर ऐसा क्या हो गया है कि बीएचयू के कैम्पस में महीने दो महीने भी नहीं बीत रहा है कि कोई न कोई छात्र मौत चुन ले रहा है। पहले ऐसा बहुत कम होता था।
बहरहाल, बीएचयू प्रशासन ने बताया कि फांसी लगाने वाले छात्र का नाम प्रेम शंकर खरवार है। उसकी उम्र 25 साल बताई रही है। प्रेम शंकर बीएचयू के फैकल्टी ऑफ लॉ में एलएलएम फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था। छात्र वर्ष 2021-22 में प्रवेश लिया था। छात्र मौत की खबर उसके परिवार को दे दी गई है। इधर, अपने साथियों के बिछड़ जाने से लॉ फैकल्टी में शोकजनक माहौल है। लंका थाना पुलिस अधिकारी के मुताबिक, फांसी लगाने के पीछे वजह अभी पता नहीं चल सकी है। उसके कमरे से कोई सुसाइड लेटर भी पुलिस को नहीं मिला है। प्रेम ने बुधवार रात बीएचयू के भीमराव अंबेडकर छात्रावास के रूम नंबर-57 में आत्महत्या की। दोस्तों ने दरवाजा खटखटाया तो नहीं खुला। इसके बाद कई फोन किए, जवाब नहीं मिला, तो खिड़की खोलकर झांका तो, देखा कि प्रेम शंकर ने फांसी लगा ली है और उसका शव पंखे पर लटका हुआ था। प्रॉक्टोरियल बोर्ड और लंका थाना से पुलिस को बुलाकर दरवाजा खुलवाया गया।
खबर मिलते ही प्रेम शंकर के पिता भरत राम बीएचयू आ गए. चलने-फिरने में असक्षम भरत अपने बेटे का शव देखते ही फूट-फूट कर रोने लगे. उनके आंसू काफी देर तक थम ही नहीं रहे थे। पिता ने बताया कि रात साढ़े 10 बजे तक सब कुछ ठीक था। उसने फोन पर बात की बोला कि सब सही है सोने जा रहे हैं। हालांकि, प्रेम शंकर दो महीने सेडिप्रेशन की दवा खा रहा था। चार भाई में वह सबसे छोटा था। हॉस्टल के दोस्तों ने बताया कि वह गुमसुम था, मगर कभी कोई बात शेयर नहीं करता था। आज प्रेम शंकर के शव का पोस्टमॉर्टम होगा।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)