आजमगढ़: साहित्य के क्षेत्र में एक नया स्थान स्थापित करेगी ये पुस्तकें-कृष्ण कुमार

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नायाब कर्ण, अंतरबोध और असुर वंश बनाम राजवंश खंडकाव्य का हुआ विमोचन
लेखनी के साथ-साथ व्यक्तिगत तौर राम बचन सिंह यादव मिलता रहा है मार्गदर्शन-डॉक्टर अनूप कुमार सिंह
आजमगढ़। शिक्षा विभाग में अधिकारी रहे राम बचन यादव कि 3 पुस्तकों नायाब कर्ण, अंतर बोध और असुर वंश बनाम राजवंश खंडकाव्य का विमोचन लाइफ लाइन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के कॉन्फ्रेंस रूम में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृष्ण कुमार यादव पोस्ट मास्टर जनरल वाराणसी परिक्षेत्र के रहे, वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में उप शिक्षा निदेशक मिर्जापुर मंडल चंद्रजीत सिंह यादव, डॉ गीता यादव, न्यूरो सर्जन डॉक्टर अनूप कुमार सिंह और लाइफ लाइन हॉस्पिटल की सीनियर डॉक्टर गायत्री कुमारी मौजूद रहीं।


कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर की गई इसके बाद कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रोफेसर अभय यादव ने बताया उनके पिता शिक्षा विभाग में अधिकारी रहे और अपनी सेवानिवृत्त के बाद अपने पिता कि बुढ़ापे की स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपने मन की स्थिति को कलम के जरिए कागज पर उतारना शुरू किया जिसके बाद शब्दों की श्रृंखला से बनती गई और उन्होंने एक सुदृढ़ चरित्र के व्यक्तित्व को नए कलेवर में लिपिबद्ध कर अंतर बोध खंड काव्य की रचना कर डाली। इसके बाद उन्होंने नायाब कर्ण खंड काव्य की रचना की । इस खंडकाव्य के पूरे होते ही उन्होंने अपनी तीसरी पुस्तक असुर वंश बनाम राजवंश खंड काव्य की रचना की, जिसमें भगवान राम द्वारा राक्षस रावण का विनाश करने की घटना के माध्यम से संत असंत की पहचान और अंधकार पर प्रकाश की विजय का विवाह किसे चित्रण किया गया है। कार्यक्रम के दौरान लेखक राम बचन सिंह यादव द्वारा सभी अतिथियों को जहां एक तरफ माल्यार्पण किया गया वहीं दूसरी तरफ डॉ अनूप कुमार सिंह द्वारा अतिथियों को बुके तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
अपने संबोधन में राम बचन सिंह यादव का कहना था कि उन्होंने जो भी अपने जीवन में देखा उन्हें कविता का रूप देते हुए खंड काव्य की रचना की वहीं दूसरी तरफ कर्ण के पात्र से प्रभावित होकर उन्होंने नायाब नायक कर्ण की रचना की। उन्होंने बताया कि उपरोक्त तीनों पुस्तक में 2021 और 22 के दौरान लिखी गई हैं जबकि उनकी दो और पुस्तकें पंचकन्या और अंतर बोध पार्ट 2 जनवरी 2023 में आने वाली है।
कार्यक्रम के दौरान न्यूरो सर्जन डॉक्टर अनूप कुमार सिंह का कहना था कि एक लेखक के तौर पर भले ही लोग राम बचन सिंह यादव को जानते हो लेकिन व्यक्तिगत तौर पर हम उनसे प्रभावित रहे और समय-समय पर उनका मार्गदर्शन लेते रहे, आने वाले समय में भी उनके मार्गदर्शन के आधार पर आगे बढ़ते रहेंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद कृष्ण कुमार यादव का कहना था कि यह पुस्तक निश्चित तौर पर आज के युवा वर्ग और अन्य लोगों को प्रभावित करेगी तथा साहित्य के क्षेत्र में अपना एक नया स्थान स्थापित करेगी। कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर आरके यादव, सरोज जी, ऋषि मुनि राय, प्रेम प्रकाश यादव मिथिलेश तिवारी सहित कई लोग मौजूद रहे।

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