आजमगढ़: फार्मासिस्ट नहीं दे पाए दवाओं की जानकारी, डीएम ने लगाई फटकार

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जिलाधिकारी ने पवई ब्लाक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पवई का किया निरीक्षण
आजमगढ़। डीएम विशाल भारद्वाज ने गुरुवार को पवई ब्लाक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पवई का निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल के फार्मासिस्ट स्टोर में मौजूद दवाओं के नाम नहीं बता पाए। जिससे नाराज होकर डीएम ने उन्हें फटकार लगाई। इससे पूर्व विकास खंड पवई में तैनात आईएसबी डीएम के पूछने पर समूह की जानकारी नहीं दे सके। डीएम के निरीक्षण के दौरान ब्लाक और अस्पताल के कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ था। उनके जाने के बाद सभी ने राहत की सांस लिया।
सबसे पहले डीएम पवई ब्लाक के छज्जोपट्टी गांव में पहुंचकर अमृत सरोवर का निरीक्षण किया। इस दौरान सुंदरीकरण, घाट निर्माण, पाथवे, पौधरोपण आदि कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अमृत सरोवर के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से बातचीत किया। इस दौरान एक महिला श्रमित से पूछा कि कितने दिनों से काम कर रही हो, तो महिला ने बताया कि जब तक तालाब बन रहा तभी से काम कर रही है। डीएम ने महिला से पूछा कि कितनी मजदूरी मिलती है तो महिला ने कहा कि 300 रुपये प्रतिदिन का मिलता है। इसके बाद डीएम मस्टर रोल की भी जांच की। इंटरलाकिंग के विषय में पूछने पर ग्राम प्रधान ने बताया कि स्टीमेट तैयार करते समय इंटरलाकिंग नहीं था। इसके बाद डीएम ब्लाक मुख्यालय पहुंचे। खंड विकास कार्यालय का निरीक्षण करते समय डीएम ने आईएसबी जयनाथ से समूह के बारे में पूछने पर वे जवाब नहीं दे सके। ब्लाक का हाल जानने के बाद डीएम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पवई गए। अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद फार्मासिस्ट के पास पहुंचे। डीएम ने फार्मासिस्ट अशोक कुमार से स्टाक में मौजूद दवाओं के विषय में पूछा तो वे कुछ नहीं बता पाए। फर्मासिस्ट ने कहा कि अभी एक माह पूर्व ही यहां पर आए हैं। जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम ने फटकार लगाई। साथ ही कहा कि एक माह का तनख्वाह तो जरुर लिए होंगे। इसके बाद डीएम ने अन्य दवाओं के विषय में पूछा। जिस समय डीएम सीएचसी पवई पहुंचे थे, तो वहां अस्पताल के बाहर मौजूद ज्यादातर मेडिकल स्टोर संचालक अपनी-अपनी दुकानों में ताला बंद कर फरार हो गए थे।

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