आजमगढ़: आचार संहिता के दौरान जिला अस्पताल में हुई नियुक्तियां

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नियमों की अनदेखी कर दी अपने सगे संबंधियों को नौकरी
भाजपा नेता ने नियुक्तियों की जांच करा कर निरस्त करने और नए सिरे से नियुक्तियां कराये जाने की मांग की
आजमगढ़। जिला अस्पताल में स्थित नशा उन्मूलन एवं तंबाकू नियंत्रण केंद्र में नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए संविदा के पांच पदों पर नियुक्तियां की गई है। जिसमें जिला अस्पताल में तैनात एक कर्मचारी के बहु की भी नियुक्ति हुई है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि लोकसभा उपचुनाव की आदर्श आचार संहिता के दौरान यह नियुक्तियां की गई है। इसकी शिकायत सोमवार को एक भाजपा नेता ने जिलाधिकारी से किया है। भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री रविशंकर तिवारी ने सोमवार को जिलाधिकारी को दिए पत्रक में बताया कि शासन ने जिला अस्पताल में नश उन्मूलन व तंबाकू नियंत्रण केंद्र स्थापित किया है। इसके सफल संचालन के लिए इसमें एक चिकित्सक, एक परामर्शदाता, एक काउंसलर, एक स्टाफ नर्स व एक डाटा आपरेटर की तैनाती का निर्देश था। शासन से जारी आदेश में इन संविदा पदों पर नियुक्ति एनएचएम के गाइड लाइन के अनुरूप करने का निर्देश है। इसके बाद भी तत्कालीन एसआईसी, एक नेत्ररोग चिकित्सक व एक एलटी ने लोकसभा उपचुनाव की लगी आदर्श आचार संहिता के दौरान ही जेम इंडिया जॉब सेल्यूशन के माध्यम से अपने-अपने संगे संबंधियों को सीधे नियुक्त कर लिया। अस्पताल पर तैनात एक एलटी ने तो अपनी बहु को काउंसलर पद पर तैनात करा लिया है। काउंसल पर तैनात महिला व्यवसायी है और जिला अस्पताल को बड़े पैमाने पर सामानों की सप्लाई भी करती है। पूर्व एसआईसी को 30 जून को सेवानिवृत्त होना था, इसलिए आचार संहिता के दौरान ही 20 जून को यह नियुक्तिया कर ली गई है। भाजपा नेता ने नियुक्तियों की जांच करा कर निरस्त करने और नए सिरे से नियुक्तियां कराये जाने की मांग किया है।

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