गैंगस्टर की बुलेट खरीदने में फंसे दरोगा जी, लाइन हाजिर

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कानपुर। कानपुर में गैंगस्टर बलराम राजपूत की पत्नी के नाम की बुलेट खरीदने में फंसे पुलिस कमिश्नर के पीआरओ दरोगा अजय कुमार मिश्रा बुधवार सुबह लाइन हाजिर कर दिए गए। अजय मिश्रा अंडर ट्रांसफर थे इसलिए सीपी ने तत्काल गोरखपुर के लिए रिलीव कर दिया। हालांकि इसके पीछे भी खेल है। इतने गंभीर प्रकरण में पीआरओ को सिर्फ लाइन हाजिर किया गया। निलंबन की कार्रवाई से बचाते हुए रिलीव इसलिए किया जिससे बड़ी कार्रवाई से बचाया जा सके। मामले की जांच ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी को सौंपी गई है।
पीआरओ अजय मिश्रा 2018 से 2020 तक जेल में बंद रहे थे। उसी दौरान गैंगस्टर बलराम राजपूत भी जेल में था और अभी भी वह वहीं है। अमर उजाला ने बुधवार को गैंगस्टर की बुलेट से फराटा भर रहा पुलिस कमिश्नर का पीआरओ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें खुलासा किया गया कि किस तरह से बलराम राजपूत की पत्नी के नाम की बुलेट अजय मिश्रा ने अपने नाम ट्रांसफर करवा ली थी। गैंगस्टर व दरोगा का सीधा कनेक्शन उजागर हुआ था। अजय ने बुलेट खरीदने की बात स्वीकारी थी। खबर का संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने अजय मिश्रा को लाइन हाजिर कर दिया।
दरोगा अजय कुमार का कुछ समय पहले गोरखपुर जोन तबादला हो चुका है, इसके बावजूद वह कमिश्नरी में टिका हुआ था। यही नहीं पुलिस कमिश्नर के पीआरओ जैसे अहम पद पर वह तैनात था। एक तरह से उस पर मेहरबानी कर रोका गया था। वहीं जब उसका कारनामा उजागर हुआ तो उसे तुरंत रिलीव भी कर दिया गया। चर्चा है कि उसके खिलाफ अगर गहनता से जांच हुई तो कई अफसरों की भी कलई खुलेगी। इसलिए उसको तुरंत यहां से भेज दिया गया।
पुलिस कमिश्नर का पूर्व पीआरओ अजय कुमार मिश्रा शहर के कई शातिर अपराधियों और विवादित बिल्डरों के संपर्क में है। जिन क्षेत्रों में उसकी तैनाती ही नहीं रही, वहां पर भी इसका जाल बिछा हुआ है। यह सभी उसके सीधे फोन पर संपर्क में हैं। अगर उसके मोबाइल नंबरों की डिटेल खंगाली जाए, तो कई बड़े राज खुल सकते हैं। आशंका है कि उसने कई बड़े खेल भी किए हैं।
नई सड़क हिंसा के मामले में बिल्डर हाजी वसी जेल भेजा गया है। उस पर हयात एंड कंपनी को फंडिंग करने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक अजय कुमार मिश्रा का वह बेहद करीबी है। दोनों की लगातार बातचीत होती रहती थी। इसी तरह से चमनगंज निवासी दो विवादित बिल्डरों के भी संपर्क में अजय मिश्रा है। एक बिल्डर पर कर्नलगंज व ग्वालटोली थाने में केस भी दर्ज हैं। वह एनकाउंटर में मारे जा चुके शातिर अपराधी रईस बनारसी का साथी रहा है। बतौर पीआरओ उसका इन सभी से संपर्क रहना कई बड़े सवाल खड़े करता है।

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