विधायकों की अंतरात्मा रही किधर; पता लगा रहे जिम्मेदार लखनऊ। राष्ट्रपति चुनाव में सपा गठबंधन साफतौर पर बिखर गया। साथ ही सपा में क्रासवोटिंग की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। सपा के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने जहां क्रास वोटिंग करते हुए द्रौपदी मुर्मू के लिए वोट किया। वहीं तीन अन्य विधायकों द्वारा क्रास वोटिंग किए जाने का अंदेशा है। इसी तरह सुभासपा के सभी विधायकों ने एनडीए के समर्थन में मतदान किया इसको लेकर भी संशय है। हालांकि सभी विधायक ओमप्रकाश राजभर के साथ ही वोट डालने आए थे और सबने एक साथ अपना वोट डाला भी। पूरे चुनाव के दौरान दोनों पक्षों की ओर से अंतरात्मा की आवाज की दुहाई दी जाती रही। क्रास वोटिंग के अंदेशे वाली पार्टियों में हाईकमान अब यह पता लगाने में जुटा है किस विधायक की अंतरात्मा ने क्या कहा और किसने कहां मतदान किया। दोनों मतपेटियां कड़ी सुरक्षा में दिल्ली ले जाई गईं। समाजवादी पार्टी विधायक व प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने तो बकायदा ऐलान कर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। साथ ही सपा के विधायकों के समक्ष विपक्ष प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के पुराने बयान को मुद्दा बना कर उन्हें भी एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में आने का आह्वान किया। बताया जा रहा है कि इसके अलावा कम से कम तीन विधायक इस बात से प्रभावित हुए और उन्होंने यशवंत सिन्हा के बजाए द्रौपदी मुर्मू के पक्ष वोट दिया। सूत्र बताते हैं कि सपा के नेता यह पता करने में लगे हैं कि वास्तव में कितने विधायकों ने भाजपा पाले में जाकर वोट किया। कहा जा रहा है कि इनमें एक विधायक वह हैं, जिनके हाल में कारोबारी उपक्रम पर पुलिसिया कार्रवाई हो चुकी है। सपा गठबंधन की प्रमुख साथी सुभासपा ने कहा कि उसके सभी विधायकों ने एनडीए का साथ दिया है लेकिन उसके सभी विधायक भाजपा खेमे में गए हैं, इसमें संशय भी है। हालांकि ओम प्रकाश राजभर सभी को साथ लेकर आए और सभी ने एक साथ वोट डाला। यही नहीं रविवार की रात ओम प्रकाश ने अपने सभी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर भेंट कर वोटिंग द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में करने के लिए पूरी तरह आश्वस्त किया था। ओम प्रकाश ने दावा किया कि उनके समेत पार्टी के सभी विधायकों ने मुर्मू को वोट दिया। राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या 111 है और उसकी सहयोगी सुभासपा के छह और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के आठ सदस्य हैं। रालोद पूरी तरह सपा के साथ एकजुट रहा। इसके अलावा कांग्रेस भी विपक्षी खेमे में रही। राजा भैया के जनसत्ता दल के दो और बहुजन समाज पार्टी के एक विधायक द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में आ गए। विधायक नाहिद हसन जेल में होने के कारण व अब्बास अंसारी वांरट जारी होने के कारण वोट नहीं डाल सके।