बीएसए राकेश सिंह पर दर्ज हुई एफआईआर

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बर्खास्त टीचर को बहाल करने का है आरोप
आजमगढ़ के निवासी हैं बीएसए, विवादों से है पुराना नाता
लखनऊ। विजिलेंस ने वाराणसी के बीएसए राकेश सिंह पर धोखाधड़ी, जालसाज़ी और भ्रष्टाचार की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. उनपर आरोप है कि उन्होंने बलिया में तैनाती के दौरान एक बर्खास्त टीचर को फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के सहारे बहाल कर दिया. इतना ही नहीं बर्खास्त टीचर सुरेंद्रनाथ यादव को बहाल कर प्रिंसिपल बनाने का भी आरोप है. इसके अलावा उनपर बहाली से जुड़े दस्तावेजों को गायब करने का भी आरोप लगा है. बता दें कि ये मूलतः आजमगढ़ जिले के नरफोरा गांव निवासी हैं। विवादों से इनका पुराना नाता रहा है।
गौरतलब है कि बलिया के बैरिया विधानसभा से तत्कालीन विधायक सुरेंद्र सिंह की शिकायत पर राकेश सिंह के खिलाफ विजिलेंस ने जांच शुरू की थी. विजिलेंस ने खुली जांच में विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों को सही पाया और शासन से एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. अब विजिलेंस के द्वारा वाराणसी में राकेश सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है.
दरअसल, सुरेंद्र नाथ यादव ने सहायक अध्यापक बनने के लिए जिस संपूर्णानंद संस्कृत विवि, वाराणसी की डिग्री लगाई थी वह फर्जी थी. इसी आधार पर सुरेंद्र नाथ यादव को 3 मई 2013 को बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बावजूद बलिया में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनाती के दौरान राकेश कुमार सिंह ने आशुलिपिक व नियुक्ति अधिकारी अखिलेश कुमार यादव के साथ मिलकर बर्खास्त अध्यापक सुरेंद्र नाथ यादव को बहाल करा दिया. इसके अलावा उन्हें प्रोन्नति दे कर प्रधानाध्यापक बनाने के साथ बर्खास्तगी की अवधि का वेतन भी दिलवा दिया. इतना ही नहीं बाद में उन्होंने बहाली से जुड़े दस्तावेजों को गायब भी करा दिया।

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