आजमगढ़: पति ने ही मारी थी गर्भवती पत्नी को गोली

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भाई के साथ मिलकर दिया था घटना को अंजाम
विपक्षियों को फंसाने के लिए रची थी साजिश, दोनों गिरफ्तार
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। बुजुर्गों की कहावत कि पाप कभी छिपता नहीं। ऐसा ही कुछ महाराजगंज क्षेत्र में देखने को मिला। जमीन के लालच में विपक्षियों को फंसाने के लिए भाई के साथ साजिश रचकर पत्नी बनाकर घर लाई गई दलित एवं गर्भवती प्रेमिका की गोली मारकर हत्या कर दी और विपक्षियों के खिलाफ हत्या की कहानी गढ़ दिया। इस बात का भंडाफोड़ हुआ और हत्यारा अपने भाई के साथ अपने ही बुने जाल में फंस गया। पुलिस ने महराजगंज थाना क्षेत्र के अराजी अमानी गांव में बीते रविवार को गर्भवती महिला की हत्या का खुलासा करते हुए घटना को अंजाम देने वाले प्रेमी व उसके भाई को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
गौरतलब है कि अराजी अमानी गांव में बीते रविवार की रात घर के बरामदे में सोई अंतिमा कथित पत्नी संत विजय की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में संतविजय ने जमीनी रंजिश के चलते हत्या कर देने का आरोप लगाते हुए एक महिला समेत पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया। घटना की विवेचना कर रही पुलिस को इस वारदात पर संदेह हुआ और जांच के दौरान घटना की परत दर परत खुलती चली गई। विवेचना के दौरान ज्ञात हुआ कि मृतका अंतिमा संतविजय की धर्मपत्नी नहीं बल्कि उसे वह भगाकर लाया था। दलित वर्ग की अंतिमा अंबेडकर नगर जिले की रहने वाली थी और संतविजय ने उससे प्रेम विवाह किया था। कुछ समय गुजरने के बाद सामाजिक ताने को सुनकर संतविजय का घर लाई गई रखैल प्रेमिका से मोहभंग होने लगा और दोनों के बीच अक्सर विवाद की स्थिति भी बन जाती थी। बताते हैं कि संतविजय के चाचा जयराम ने अपने हिस्से की भूमि कुछ लोगों को बेच दी थी, जिस पर संतविजय का कब्जा था। संपत्ति के लालच में पड़े संत विजय ने विपक्षियों को फंसाने और पत्नी का काम निपटाने की साजिश रचते हुए एक तीर से दो शिकार करने का मन बनाया। इस साजिश में उसने अपने भाई कन्हैया को भी शामिल कर लिया। इस घटना के पूर्व संत विजय ने बीते 21 मई की रात अपने पिता रामजी यादव पर जानलेवा हमला करने का आरोप मढ़ विपक्षियों को फंसाने की तैयारी किया लेकिन विवेचना कर रही पुलिस ने गोली से घायल होने की पुष्टि नहीं की। इस तरह विपक्षियों पर साधा गया निशाना चूकने के बाद उसने अपनी रखैल अंतिमा का काम तमाम कर विपक्षियों पर हत्या का मामला दर्ज कराने का जाल बुन दिया। योजना के अनुसार बीते रविवार की रात उसने अपने भाई कन्हैया के साथ घर में सोई अंतिमा को तमंचे से गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। हत्या के मामले में संतविजय की तहरीर पर पांच लोगों को आरोपी बनाया गया। घटना की विवेचना कर रही पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्य में धीरे-धीरे बात खुलती गई और पुलिस ने गुरुवार को हत्या का खुलासा करते हुए संतविजय और उसके भाई कन्हैया पुत्रगण रामजी यादव को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद कर लिया गया है। इस उपलब्धि में महराजगंज पुलिस के साथ ही एसओजी टीम की भी विशेष भूमिका रही।

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