सब इंस्पेक्टर के पैर पकड़ कर गिड़गिड़ाती रही पत्नी

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मां और दो बेटियों के मौत का मामला
पीड़ित पति ने अधिकारियों के सामने सुनाई एसआई के जुल्म की कहानी
बगपत। बागपत जनपद में छपरौली थानाक्षेत्र के बाछौड़ गांव में मां और दो बेटी की मौत के मामले में दरोगा को निलंबित कर दिया गया है। वहीं इस प्रकरण में एसपी नीरज जादौन ने पीड़ित महक सिंह से की बातचीत की। पत्नी और दो बेटियों की मौत के बाद पीड़ित ने अधिकारियों को अपनी आपबीती सुनाई। पीड़ित ने अधिकारियों से कहा- साहब, एसआई नरेशपाल मेरी पत्नी और दो बेटियों को गाली देकर मरने के लिए कहता रहा। पत्नी ने एसआई के पैर भी पकड़े, लेकिन अभद्रता जारी रही। एसआई ने ऐसा एक बार नहीं किया, बल्कि वह जब भी घर में आता था तो गालियां ही देकर बात करता था। पत्नी व बेटियों से बेइज्जती सहन नहीं हुई और उन्होंने विषाक्त पदार्थ निगल लिया। अस्पताल में उनकी उपचार के दौरान बारी-बारी से मौत हो गई।
जांच में सामने आया है कि पीड़ित के घर पर पुलिस ने 20 दिन में नौ बार दबिश दी। एसपी नीरज कुमार जादौन ने इस मामले में जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। इसमें क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर किरणपाल सिंह व अंजु तेवतिया को शामिल गया है। एएसपी मनीष कुमार मिश्र के निर्देशन में एसआईटी ने शुक्रवार को गांव में लोगों के बयान लिए। इसमें दरोगा की लापरवाही सामने आई है, जिसके आधार पर दरोगा के निलंबन की कार्रवाई की गई है।
एसआईटी में शामिल इंस्पेक्टर किरणपाल सिंह ने बाछौड़ गांव में पहुंचकर जांच की। वह पीड़ित परिवार के घर गए और परिजनों व पड़ोस के लोगों से घटना के बारे में बातचीत की। लोगों ने बताया कि मां-बेटियों ने पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की है। पुलिस ने करीब 20 दिन में नौ बार दबिश दी। बताया गया कि पुलिस दबिश देने के लिए भी रात को आती थी। महिला व बेटियों के साथ अभद्रता करती थी। एसआई नरेशपाल पर भी लोगों ने खूब आरोप लगाए। इंस्पेक्टर किरणपाल सिंह ने बताया कि गांव में अन्य लोगों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।

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