आजमगढ़: मानवता की रक्षा के लिए करें अपने ज्ञान का उपयोग-सच्चिदानंद

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नंद एकेडमी महिला महाविद्यालय में 131वीं जयंती पर बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को दी गई श्रद्धाजंलि
आजमगढ़। नंद एकेडमी महिला महाविद्यालय रोहुआ मुस्तफाबाद आजमगढ़ संबंध महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ के प्रांगण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 131वी जयंती मनाई गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त स्टाफ एवं शिक्षक गण एवं छात्राओं ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके सारगर्भित विचारधाराओं को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
विद्यालय के प्रबंधक सच्चिदानंद यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पूरी मानवता के लिए एक मसीहा के रूप में अवतार लिए थे, उनके संदेश में बीज मंत्र के रूप में उन्होंने कहा की समाज के हर तबके को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहते हुए शिक्षित बने, संगठित रहें एवं संघर्ष करें का मूल मंत्र आत्मसात करना चाहिए एवं अपने ज्ञान का उपयोग मानवता की रक्षा के लिए करना चाहिए। इसके साथ साथ उन्होंने अपने संदेश में यह भी कहा की समाज के हर विद्वत जनों को, छात्रों को शीलता का भी आत्मसात करना चाहिए, इसके साथ-साथ बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अपने उद्बोधन में इस बात की भी विशेष चर्चा किया करते थे कि समाज के प्रत्येक अभिभावक, शिक्षकगण की यह विशेष जिम्मेदारी है कि अपने बच्चों के अंदर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का बीजारोपण करें जिससे समाज के हर क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित किए जा सके। बहुत से लोग बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को दलितों का मसीहा मानते हैं परंतु मेरे विचार से यह बात जरूरी है कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जन्म एक दलित परिवार में हुआ और उन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा बहुत ही दुर्गम परिस्थितियों में किया परंतु वह समाज के हर तबके को शिक्षित संगठित एवं संघर्ष करने का संदेश देकर ऐसे मतों पर पूर्णविराम लगाने का कार्य किया। विद्यालय के प्रबन्धक सच्चिदानंद यादव ने कार्यक्रम में उपस्थित विद्वतजनों एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरुण कुमार को बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके साथ-साथ कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अभिभावक गण, छात्राएं, पत्रकार बंधुओं एवं विद्यालय के स्टाफ तथा अध्यापकगण को भी आभार जताया।

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