एमएलसी चुनाव में बाहुबलियों के आगे सब फेल

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बृजेश सिंह, धनंजय और राजाभैया ने फिर साबित की बादशाहत
वाराणसी। यूपी के एमएलसी चुनाव में एक बार फिर बाहुबलियों ने बादशाहत साबित की है। माफिया डॉन बृजेश सिंह और राजाभैया के सामने सपा-भाजपा की रणनीति भी काम नहीं आई। पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने भी अपने करीबी बृजेश सिंह प्रिंशु को एक बार फिर एमएलसी बना दिया है। आजमगढ़ में रमाकांत यादव का बेटा भले चुनाव हार गया लेकिन सपा प्रत्याशी की करारी हार में उनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा को करारी हार मिली है। यहां माफिया डॉन बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने जीत हासिल की है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के उमेश यादव को भारी मतों से हराया। भाजपा प्रत्याशी डॉ. सुदामा पटेल तीसरे स्थान पर रहे। सुदामा ने पहले ही भाजपा नेताओं पर बृजेश सिंह के लिए काम करने का आरोप लगाया था। अन्नपूर्णा सिंह को प्रथम वरीयता के 4234, उमेश यादव को 345 और डॉ. सुदामा पटेल को महज 170 मत मिले। कुल वैध मत 4749 मतों की गिनती हुई। जबकि 127 मतपत्र निरस्त कर दिए गए। इस सीट पर वाराणसी, चंदौली और भदोही के कुल 4949 वोटरों में 4876 ने वोट डाले थे। उधर, प्रतापगढ़ में राजाभैया की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह गोपाल को एकतरफा जीत मिली है। यहां भाजपा प्रत्याशी दूसरे और सपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। अक्षय प्रताप गोपाल को 1721, भाजपा के हरि प्रताप सिंह को 614 और सपा के विजय बहादुर यादव को 380 वोट मिले। इसके अलावा कैलाशनाथ ओझा 14, मधुरिमा सिंह को छह और राजेंद्र मौर्य को सात मत मिले। अक्षय प्रताप जिले से पांचवी बार विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए हैं। जौनपुर में बाहुबली धनंजय सिंह के करीबी भाजपा प्रत्याशी बृजेश सिंह प्रिंशु ने 3129 वोट पाकर जीत दर्ज की है। प्रिंशु ने सपा के मनोज यादव को हराया। मनोज को 772 मत मिले। निर्दलीय प्रत्याशी भानु प्रकाश को मात्र 8 मत मिले हैं। 51 मत अवैध हुए।
आजमगढ़ में भाजपा और सपा दोनों दलों के प्रत्याशी हार गए हैं। लेकिन करारा झटका सपा को लगा है। बीजेपी की लहर में भी आजमगढ़ में लगातार सपा जीतती रही है। इसके बाद भी उसके प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई है। इसके पीछे सपा विधायक रमाकांत यादव के बेटे अरुण कुमार का भाजपा की तरफ से मैदान में उतरना माना जा रहा है। हालांकि रमाकांत अपने बेटे अरुण को तो नहीं जिता सके लेकिन सपा जरूर बुरी तरह हार गई है। यहां निर्दल प्रत्याशी विक्रांत सिंह रिशू ने जीत दर्ज की है। रिशू भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे हैं। बेटे को मैदान में उतारने के कारण ही यशवंत सिंह को कुछ समय पहले ही पार्टी से निष्कासिक किया गया था। विक्रांत सिंह रिशू ने यह चुनाव 2813 मतों से जीता है। उन्हें कुल 4075 वोट मिले हैं। भाजपा प्रत्याशी अरुण कुमार यादव को 1262 वोट और सपा प्रत्याशी राकेश यादव गुड्डू को केवल 356 वोट मिले हैं।

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