आजमगढ़: हनुमत मंदिरों में रही जन्मोत्सव की धूम

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कहीं चालीसा पाठ तो कहीं सुंदरकांड का हुआ आयोजन
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि दिन शनिवार को जिले में रामदूत हनुमानजी के मंदिरों में जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर कहीं हनुमान चालीसा तो कहीं हनुमत प्रसंग पर आधारित सुंदरकांड का पाठ करते भक्तजन बजरंग बली की आराधना में लीन दिखे।
नगर के कटरा अनंतपूरा मोहल्ले में स्थित पौराणिक हनुमानगढ़ी में आस्थावान सुबह से ही दर्शन-पूजन के लिए उमड़ पड़े थे। यही हाल कमोबेश जिले के सभी हनुमान मंदिरों का रहा, जहां प्रातः बेला से ही श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हो गया था। नगर के हनुमान गढ़ी मंदिर की छटा इस दिन कुछ अलग ही देखने को मिली। दर्शनार्थियों ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार बजरंगबली को उनके प्रिय व्यंजनों का भोग एवं तुलसी की माला अर्पित कर सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। इस पुरातन मंदिर के बारे में वहां के महंथ शंकरसुवन उपाध्याय ने बताया की इस स्थान पर दक्षिणमुखी हनुमानजी के बालरूप का दर्शन होता है। पूरे भारतवर्ष में यह अपनी तरह का अनोखा और अकेला मंदिर है। बालरूप हनुमान के हाथ में सूर्यदेव, चरणों के पास शनिदेव तो सीने में प्रभु राम व जानकी विराजमान हैं। एक साथ पांच देवी-देवताओं का दर्शन पाकर भक्तगण निहाल होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं । बताते हैं कभी तमसा नदी इस पौराणिक देव स्थान से सटकर प्रवाहमान रहीं। कालांतर में नदी की धारा का रुख बदला और नदी के किनारे स्थित तमाम देवालयों की हालत जर्जर स्थिति में पहुंच चुकी है। नगर के विट्ठल घाट, गुरुघाट एवं रामघाट पर बने मंदिर आज इस बात को प्रमाणित करते हैं कि ये सभी देवालय जिले की जीवनरेखा कही जाने वाली तमसा नदी के किनारे बने होने का साक्ष्य देने के लिए काफी हैं। वहीं नगर के मुख्य चौक पर स्थित दक्षिणमुखी देवी मंदिर में विराजमान हनुमान, बड़ादेव, रैदोपुर सिधारी, राहुल नगर मड़या, बवाली मोड़ स्थित पंचमुखी हनुमानजी मंदिरों में भी प्रभु जन्मोत्सव की धूम रही। नगर से सटे चंद्रमा ऋषि आश्रम पर हनुमानजी मंदिर के जीर्णाेद्धार उपरांत सुंदरकांड पाठ के साथ भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया।

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