मऊ में चली साइकिल, 4 में से 3 सीटो पर किया कब्जा

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मधुबन सीट गई भाजपा के खाते में
रिपोर्ट-राहुल पाण्डेय
मऊ। विधानसभा चुनाव 2022 में जनपद के 4 सीटों में से 3 सीट सपा गठबंधन वह एक सीट भाजपा के खाते में गई। गुरुवार को नवीन कृषि मंडी में सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हुई जो देर शाम तक चलती रही। सदर विधानसभा से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार बाहुबली मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी ने भाजपा के अशोक सिंह को हराया वही बसपा के भीम राजभर तीसरे नंबर पर रहे। वही मधुबन विधानसभा से भाजपा के रामविलास चौहान ने समाजवादी पार्टी के उमेश पांडे को हराया। मोहम्मदाबाद गोहना विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के राजेंद्र कुमार ने भाजपा प्रत्याशी पूनम सरोज को मात दी। घोसी से सपा के दारा सिंह चौहान ने भाजपा के विजय राजभर को हराया। जहां 2017 विधानसभा में जनपद की 4 विधानसभा सीटों में 3 सीट बीजेपी के खाते में गई थी वही 2022 विधानसभा चुनाव में जनपद में केवल 1 सीट ही बीजेपी जीत पाई।
मधुबन विधानसभा 353 से भाजपा के राम विलास चौहान को 79032 वोट, सपा पार्टी के उमेश पाण्डेय 75584 वोट, बसपा से नीलम सिंह कुशवाहा को 51185 वोट तथा कांग्रेस पार्टी के अमरेश पाण्डेय 3871 वोट मिले। इस प्रकार 4448 वोट से भाजपा प्रत्याशी रामविलास चौहान हुए विजयी हुए।
घोसी विधानसभा 354 से भाजपा पार्टी के विजय राजभर 86214 वोट, सपा पार्टी के दारा सिंह चौहान 108430 वोट, बसपा के वसीम इकबाल, चुन्नू को 54248 वोट वही कांग्रेस पार्टी की प्रियंका यादव 2012 वोट मिले। इस प्रकार सपा 22216 वोट से दारा सिंह चौहान हुए विजयी हुए।
सदर विधान सभा से सुभासपा के अब्बास अंसारी को 124691 वोट मिले वही भाजपा के अशोक सिंह को 86575 वोट, बसपा के भीम राजभर को 44516 वोट मिले। इस प्रकार सुभासपा के अब्बास अंसारी ने अशोक सिंह को 38116 वोट से हराया।
मुहम्मदाबाद गोहना से सपा के राजेन्द्र कुमार को 94396 वोट, भाजपा की पूनम सरोज को 67852 वोट वही बसपा के धर्म सिंह गौतम को 56254 वोट मिले।
मुहम्मदाबाद गोहना से जीत दर्ज करने वाले सपा प्रत्याशी राजेंद्र कुमार तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। वह इसके पहले दो बार मधुबन (नत्थूपुर) व मुहम्मदाबाद गोहना से बहुजन समाज पार्टी से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। अपने राजनीतिक जीवन में वह 10 वां चुनाव लड़े थे। वह पहला चुनाव नत्थूपुर से 1985 में बसपा से लड़े। 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में जब नत्थूपुर की सीट बसपा के खाते में गई तो राजेंद्र को फिर मौका मिला। उस बार उन्होंने जीत हासिल की। बसपा मुखिया मायावती ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में उन्हें राजस्व मंत्री बनाकर अहम जिम्मेदारी दी। 1996 के चुनाव में भी बसपा ने उन्हें वहीं से उम्मीदवार बनाया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। 2002 में नत्थूपुर से राजेंद्र को टिकट नहीं मिला तो वह निर्दल ही चुनाव लड़ गये। बहुजन समाज पार्टी ने उन्हें 2007 में उम्मीदवार बनाया। राजेंद्र कुमार ने जीत हासिल की। 2012 व 2017 का चुनाव भी वह यहीं से बसपा से लड़े और कांटे के संघर्ष में मामूली मतों से हारे। इसके बाद राजेंद्र का बसपा से मोहभंग हो गया। उन्होंने 17 सितंबर 2019 को समाजवादी पार्टी में आस्था जताते हुए सदस्यता ग्रहण कर ली। सपा ने घोषित प्रत्याशी पूर्व विधायक बैजनाथ पासवान का टिकट काटकर उन्हें उम्मीदवार बनाया तो उन्होंने जीत दर्ज कर यह सीट पार्टी की झोली में डाल दी। जीत का प्रमाण पत्र मिलने के बाद राजेंद्र कुमार ने बुलंद आवाज से बातचीत में कहा कि उनकी जीत मुहम्मदाबाद गोहना के समाजवादी व अंबेडकरवादी साथियों की जीत है।

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