सपा ने गुपचुप तरीके से बदले कई उम्मीदवार

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घोषित सूची में नाम किसी और का नामांकन किया किसी और ने, कुछ ने लड़ने से किया इनकार
लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने ऐन मौके पर गुपचुप तरीके से कई सीटों पर उम्मीदवारों को बदल दिया। बता दें कि पार्टी की ओर से घोषित सूची में नाम किसी और का है और बाद में नामांकन किसी दूसरे उम्मीदवार ने कर दिया। यह समस्या लगातार बनी हुई है। ऐसे में पार्टी के नेता दबी जुबान से यह भी कहने लगे हैं कि पर्चा दाखिल कर देना, पार्टी का उम्मीदवार होने की गारंटी नहीं है। समाजवादी पार्टी अब तक 218 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है। इसमें कई स्थानों पर टिकट बदलने पड़े हैं। पार्टी ने अलीगढ़ से सलमान को उम्मीदवार घोषित किया था। बाद में यहां से जफर आलम को उम्मीदवार बना दिया गया। सहारनपुर के देवबंद सीट पर कार्तिकेय राणा और माबिया अली के बीच विवाद रहा। यहां कार्तिकेय मैदान में हैं। मांट से सपा ने संजय लाठर और रालोद उम्मीदवार योगेश ने पर्चा भर दिया था। अब संजय लाठर मैदान में हैं।
इसी तरह जालौन जिले की कालपी सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीराम पाल को पार्टी की पहली सूची में उम्मीदवार घोषित किया गया, लेकिन बाद में उन्हें मना कर दिया गया। यहां से कांग्रेस से आए विनोद चतुर्वेदी ने सपा उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा है। कुछ ऐसी ही स्थिति बांदा के नरैनी की भी रही। यहां पार्टी ने दद्दू प्रसाद को उम्मीदवार घोषित किया, लेकिन पर्चा भरा है जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष किरन वर्मा ने। सपा की ओर से जारी सूची में कानपुर के किदवई नगर से ममता तिवारी को उम्मीदवार घोषित किया गया, जबकि पर्चा भरा है अभिमन्यु गुप्ता ने। कुछ ऐसी ही स्थिति अन्य सीटों पर भी है। इसी तरह लखनऊ में मोहनलालगंज विधायक अंबरीष पुष्कर ने पर्चा भर दिया। अगले ही दिन उनका टिकट बदल दिया गया। यहां से पूर्व सांसद सुशीला सरोज को उम्मीदवार बनाया गया है। इसी तरह राजधानी की कौंट और मध्य क्षेत्र से भी उम्मीदवारों की घोषणा के बाद पर्चा दाखिल करने से मना कर दिया गया।
चुनाव लड़ने से किया इनकार-समाजवादी पार्टी में कई टिकट के लिए जूझ रहे हैं, तो कई टिकट मिलने के बाद मनचाही सीट नहीं होने की वजह से मना भी कर दे रहे हैं। मलिहाबाद से टिकट लेने के बाद पूर्व सांसद सुशीला सरोज ने मना कर दिया था, तो उन्हें मोहनलालगंज से मैदान में उतारा गया है। इसी तरह बुधवार को जारी सूची में मटेरा से मो. रमजान को मैदान में उतारा गया, लेकिन उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए वहां से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। मो. रमजान का कहना है कि मटेरा विधानसभा क्षेत्र में काम नहीं किया है। ऐसे में वहां से चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है। नई जगह से टिकट देना था तो पहले बताना चाहिए था।

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