आजमगढ़ में अवैध शराब फैक्ट्री पर छापा

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आलीशान कोठियों से पुलिस ने बरामद किया 30 लाख से अधिक की शराब, सात गिरफ्तार
आजमगढ़। जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद आजमगढ़ पुलिस एक्शन में है। पुलिस ने हिरासत में लिए गए मुख्य आरोपी की निशानदेही पर मंगलवार रात रुपईपुर गांव में छापा डाला। इस कार्रवाई में 30 लाख रुपये से अधिक का अवैध शराब, कफ सीरफ, शराब बनाने के उपकरण आदि को बरामद किया। पूरी रात चली इस कार्रवाई में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की निशानदेही पर एसपी अनुराग आर्य ने रुपईपुर गांव में शराब की फैक्ट्री से मोहम्मद फहीम को गिरफ्तार किया गया। आरोपी मोहम्मद फहीम व ठेके के मालिक रंगेश यादव की निशानदेही पर शराब बनाने के उपकरण, अवैध शराब, बार कोड, कफ सीरप भी बरामद किया गया।
अवैध शराब फैक्ट्री का संचालक फरार
एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि जिस मकान में शराब की फैक्ट्री पकड़ी गई है उसके आरोपी फहीम का माहुल में मेडिकल स्टोर है। जहां से इन नकली दवाओं की बिक्री व सप्लाई की जाती थी। आरोपी फहीम सात भाई हैं और सभी इसी घर में साथ-साथ रहते थे। फहीम का भाई नदीम जो कि अवैध शराब फैक्ट्री का संचालक है अभी फरार है। आरोपियों की तलाश में पुलिस व एसओजी की टीम लगाई गई है। जिले के रुपईपुर में तीन आलीशान कोठियों में जगह-जगह शराब व नकली दवाएं बरामद की गई, जो छुपाकर रखी गयी थी।
आरोपियों की जब्त होगी संपत्ति
पूर्व बाहुबली सांसद रमाकांत यादव के रिश्तेदार रंगेश यादव ने इस बात को स्वीकार किया कि तीन महीने से फहीम के यहां बनने वाली शराब की बिक्री करता था। शराब फैक्ट्री के मालिक नदीम सहित पांच फरार आरोपियों पर 25 हजार का इनाम घोषित है। एसपी अनुराग आर्य का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाकर 14 ए के तहत इनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
रंगेश मेरा रिश्तेदार है यदि दोषी है तो उसे सजा मिले-रमाकान्त
पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने कहा कि रंगेश यादव मेरी बहन का नाती है। यह स्वीकार करने में मुझे कोई गुरेज नहीं है। यदि वह जहरीली शराब कांड में दोषी है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन, यदि वह निर्दाेष है तो उसे कार्रवाई की जद में लाना स्वीकार नहीं है। माहुल में जहरीली शराबकांड के पीछे भाजपा की साजिश और प्रशासन की लापरवाही मुख्य कारण है। पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि माहुल क्षेत्र में ऐसा कोई नशीला पदार्थ नहीं है, जिसकी बिक्री अवैध रूप से नहीं की जाती है। मई 2021 में पवई जहरीली शराबकांड में मित्तूपुर में अवैध शराब फैक्ट्री पकड़ी गई थी। इसमें आजमगढ़ और अंबेडकरनगर जिले में कुल 52 मौतें हुई थीं।
बताया कि अभी तीन माह पूर्व ही अहरौला के शमसल्लीपुर में राजभर परिवार के तीन लोगों की मौत हुई थी। हमने स्वयं और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कई बार शिकायत की लेकिन ध्यान ही नहीं दिया गया। इसका परिणाम है कि माहुल में फिर इतनी बड़ी घटना हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के लोगों ने कोई कार्यक्रम आयोजित किया था। इसमें बाहर की नकली शराब बांटी गई और उसी शराब को पीने से लोगों की मौत हुई है। गौरतलब है कि माहुल में जिस सरकारी दुकान से शराब खरीद कर पीने के बाद लोगों की मौत हुई है, उस दुकान का अनुज्ञापी रंगेश यादव है।
छोटों पर कार्रवाई कर बड़ों को बचाने की कोशिश
माहुल के जहरीली शराब कांड में एक आबकारी इंस्पेक्टर नीरज सिंह को निलंबित कर दिया गया तो पुलिस विभाग ने एसओ अहरौला संजय कुमार सिंह व दो कांस्टेबल को निलंबित करने की संस्तुति कर दी गई है। हालांकि चुनाव के चलते ये सभी अभी कार्य कर रहे हैं। जबकि, जिला आबकारी अधिकारी की कोई जिम्मेदारी नहीं तय की गई है। माहुल में हुई घटना के एक दिन पूर्व जिला आबकारी अधिकारी छुट्टी पर जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन चुनाव के चलते उन्हें छुट्टी नहीं मिल सकी। यह बात खुद जिला आबकारी अधिकारी ने बताई है।

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