आजमगढ़ : सपा-बसपा के गढ़ में सेंध लगाने के लिए भाजपा का चक्रव्यूह तैयार

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जानिए आजमगढ़ में दस सीट का हाल
आजमगढ़। जनपद में सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस, निर्दल समेत 133 प्रत्याशियों के मैदान में उतर आने के साथ ही चुनावी गणितज्ञ सक्रिय हो उठे हैं। दरअसल, सपा-बसपा अपने गढ़ को बचाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक पड़ी है, तो बीते दो चुनावों में वोटों का फीसद बढ़ने से उत्साहित भाजपा को आजमगढ़ की ऊसर जमीन में कई सीटों की गुुंजाइश दिख रही है। कांग्रेस भी संभावनाएं तलाशने के क्रम में एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुई है। राजनीतिक दल जातीय समीकरण साधने के साथ जोड़-तोड़ के जरिए मंजिल को आसान बनाने की जुगत में हैं।
सपा, बसपा व भाजपा में सीधी लड़ाई-
भाजपा, सपा ने निश्चित रूप से अपने उम्मीदवार पहले से घोषित कर रखे थे, लेकिन बसपा अपने प्रभारी प्रत्याशियों पर ही मुहर लगाकर विपक्षियों को गच्चा देने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। लालगंज में भाजपा की नीलम सोनकर, सगड़ी में बंदना सिंह, मेंहनगर में मंजू सरोज की सीधी लड़ाई नजर आ रही, तो सपा आजमगढ़ सदर में दुर्गा प्रसाद यादव, अतरौलिया में डा. संग्राम यादव, निजामाबाद में आलमबदी, गोपालपुर में नफीस अहमद, फूलपुर-पवई में रमाकांत यादव, मुबारकपुर में अखिलेश यादव के जरिए दबदबा बनाती दिख रही है। बसपा दीदारगंज में भूपेंद्र सिंह मुन्ना के जरिए बढ़त बना सकती है, तो चार अन्य सीटों पर भी उसके उम्मीदवार पूरे दमखम से लड़ रहे हैं। चूंकि जोड़-तोड़, जातीय समीकरण का खेल चरम पर है, ऐसे में दस मार्च तक ऊंट किसी ओर करवट लेगा कहना मुश्किल है। अतरौलिया में भाजपा गठबंधन से निषाद पार्टी के प्रत्याशी प्रशांत कुमार सिंह भी कहीं वोटों के समीकरण में कमजोर नहीं दिख रहे हैं
आजमगढ़ वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा के लिए उर्वरा था, लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद टक्कर में रहीं नीलम सोनकर को इस चुनाव में कम नहीं आंका जा रहा है। लालगंज से भाजपा की प्रत्याशी नीलम सोनकर गठबंधन की प्रत्याशी संगीता आजाद से लालगंज में सिर्फ 23876 वोटों से हारीं थीं। बीते विधानसभा चुनाव में सपा पांच, बसपा चार तो भाजपा एक सीट जीती थी। भाजपा के रणनीतिज्ञ वर्ष 2012 में 10.76 फीसद रही वोट के 2017 में चढ़कर 29.82 पर जा पहुंचने को कमल खिलाने का उपयुक्त समय समझकर तैयारी में जुटे हैं।
मतदाताओं के आंकड़े पर गौर करें तो जनपद में सवर्ण 26, अनुसूचित 25, पिछड़ा 32 एवं मुस्लिम 19 फीसद मतदाताओं में जीतता वही है, जिसे समीकरण साधने में महारथ हो। मसलन, पिछड़ा-मुस्लिम, अनुसूचित-मुस्लिम, सवर्ण-अनुसूचित मतदाताओं का संगम उम्मीद बन जाती है। सपा किला बचाने को चार यादव, एक पटेल, एक राजभर, दो मुस्लिम, दो अनुसूचित तो भाजपा ने चार सवर्ण, चार पिछड़ा, दो अनुसूचित उम्मीदवारों के जरिए एक-दूसरे की घेराबंदी की है, जबकि बसपा दाे मुस्लिम, तीन सवर्ण, तीन पिछड़ा व दो अनुसूचित उम्मीदवारों के जरिए मैदान मारने का संपना संजोए हुई है। पूरे जंग में आठ महिला प्रत्याशी भी ताल ठोंक रहीं हैं, जिसमें भाजपा ने तीन, कांग्रेस ने चार, सपा ने एक उम्मीदवार उतारा है।
एक नजर में आजमगढ़
1- विधानसभा की संख्या : 10
2- कुल मतदाता : 3632540
3- पुरुष मतदाता : 1905788
4- महिला मतदाता : 1726662
5- अन्य : 90

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