फर्जीवाड़े में आवास विकास के 4 अफसर समेत आठ सस्पेंड, 18 पर मुकदमा

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लखनऊ। आवास विकास परिषद में हुए 21 भूखंडों के फर्जीवाड़े में चार अधिकारियों सहित आठ को निलम्बित कर दिया गया है। 18 कार्यरत व रिटायर अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ आवास आयुक्त अजय चौहान ने एफआईआर का निर्देश जारी किया है। फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों तथा इनमें शामिल अन्य लोगों से आरसी के जरिए रकम की रिकवरी होगी। आवास विकास परिषद के सचिव नीरज शुक्ला ने कहा कि सभी के खिलाफ कार्रवाई कर दी गयी है। आवास विकास परिषद में करीब 100 करोड़ रुपए के 21 भूखंडों के फर्जीवाड़े की खबर हिन्दुस्तान ने 25 फरवरी और 26 फरवरी के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इन खबरों का मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने संज्ञान लिया। मुख्य सचिव ने इस मामले में आवास विकास के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी। इसके बाद ही अफसरों ने इस फर्जीवाड़े में शामिल उप आवास आयुक्त डॉक्टर अनिल कुमार, सहायक आवास आयुक्त हेतम पाल, संपत्ति प्रबंधक केडी शर्मा तथा एक दूसरे संपत्ति प्रबंधक हरिमोहन को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। लिपिक के एन शुक्ला तथा रामनरेश को भी सस्पेंड किया गया है। लेखाकार एसके सरीन तथा लिपिक इंद्रपाल के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
10 अधिकारी व कर्मचारी रिटायर हो चुके
भूखंड फर्जीवाड़े में शामिल 10 अधिकारी व कर्मचारी रिटायर हो गए थे। रिटायर हुए संपत्ति प्रबंधक दिलीप शुक्ला, संपत्ति प्रबंधक जावेद कदर, लेखा अधिकारी अशोक कुमार, कनिष्ठ लेखाधिकारी प्रदीप श्रीवास्तव, सहायक लेखाधिकारी संजीव रायजादा, लेखाकार प्रदीप अग्रवाल, संपत्ति अधिकारी आरके गौड़, लेखाकार ध्रुव शंकर अवस्थी, कनिष्ठ लेखाधिकारी पीसी जोशी तथा लेखाधिकारी शैलेंद्र सक्सेना की पेंशन रोकने तथा घोटाले की रकम की रिकवरी के आदेश हुए हैं। जो चार वर्ष के भीतर रिटायर हुए हैं उन सभी पर कार्रवाई होगी। आवास आयुक्त ने इन सभी 18 अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है। एफआईआर कराने के निर्देश संबंधित योजना के संपत्ति प्रबंधकों व अधिकारियों के पास शनिवार को ही भेज दिए गए।
15 वर्षों में हुए संपत्तियों के आवंटन की जांच के आदेश
आवास आयुक्त अजय चौहान ने पिछले 15 वर्षाे के भीतर आवास विकास परिषद में हुई संपत्तियों के आवंटन की जांच का निर्देश दिया है। इन 15 वर्षों में जितनी संपत्तियों के सापेक्ष आवंटियों को रकम वापस की गई है उसकी भी जांच के आदेश हुए हैं। लॉटरी तथा नीलामी के माध्यम से जो भी संपत्तियां आवंटित की गई हैं उसकी भी जांच होगी। आवास आयुक्त ने वित्त नियंत्रक धर्मेंद्र वर्मा को किसी बड़ी एजेंसी से स्पेशल ऑडिट कराने का निर्देश दिया है।
बिना पैसा जमा हुए ही 5.87 करोड़ रुपए कर दिया वापस
आवास विकास परिषद के अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने फर्जीवाड़े की सारी सीमाएं पार कर दी थी। अधिकारियों ने 5.87 करोड रुपए दलालों तथा प्रॉपर्टी डीलरों को बिना पैसा जमा किए ही वापस कर दिया। जिन संपत्तियों के एवज में यह रकम वापस की गई उस पर कोई पैसा ही नहीं जमा किया गया था। संपत्ति तथा लेखा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों ने दलालों, प्रॉपर्टी डीलर तथा भूमाफिया को पैसे वापस कर दिए। अब इसकी भी रिकवरी के आदेश हुए हैं।
बिना पैसा जमा कराए 100 करोड़ से अधिक की संपत्तियां आवंटित
आवास विकास के अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने परिषद की वृंदावन योजना में बिना रकम जमा कराए 12 संपत्तियां दलालों तथा उनके परिजनों को आवंटित कर दी थी। इनमें व्यवसायिक संपत्तियां भी थी। जिनकी कीमत 100 करोड़ रुपए से अधिक थी। हालांकि इन संपत्तियों का आवंटन निरस्त कर आवास विकास ने इन भूखंडों तथा फ्लैटों को अपने कब्जे में ले लिया है।
इन लोगों पर होगी एफआईआर
फर्जीवाड़ा करने वाले जगत नारायण शुक्ला, नैंसी शुक्ला, गायत्री शुक्ला, शिवा शुक्ला, रामकुमार, अंबे शुक्ला, सुरेंद्र कुमार तथा सरस्वती के खिलाफ भी एफआईआर के निर्देश जारी हुए हैं। इन लोगों ने भी बिना पैसा जमा कराए प्लॉट तथा फ्लैट लिया था। आवास विकास परिषद ने इनके भूखंडों व भवनों का भी कब्जा ले लिया है। इन सभी से खिलाफ आरसी जारी कर रिकवरी के आदेश हुए हैं।
अवकाश के दिन दफ्तर खुलवा कर हुई कार्रवाई
आवास आयुक्त अजय चौहान ने शनिवार को अवकाश के दिन परिषद मुख्यालय खुलवाया। परिषद सचिव, अपर आवास आयुक्त, संयुक्त आवास आयुक्त तथा उप आवास आयुक्त सहित अन्य सभी बड़े अधिकारियों को कार्यालय बुलाया गया। दिन भर फाइलों का परीक्षण किया गया। सभी दोषियों को चिन्हित कर शाम को इन्हें सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि निलंबन की तिथि 25 फरवरी दिखाई गई क्योंकि 26 फरवरी को अवकाश था।

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