स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा, दिखा असर

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कई भाजपा नेताओं ने पार्टी ही रहने को लेकर अपनी स्थिति कर दी स्पष्ट
लखनऊ। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के साथ ही दर्जनभर और नामों के पार्टी छोड़ने की चर्चाएं तेजी से उभरीं, जिसमें कई मंत्री भी शामिल थे। इसकी भनक लगते ही आनन-फानन में भाजपा नेतृत्व सक्रिय हुआ और डैमेज कंट्रोल की कवायद तेज हो गईं।
भाजपा नेतृत्व के सक्रिय होने का नतीजा भी कुछ समय बाद दिखाई देने लगा। कुछ ही देर में मंत्री धर्म सिंह सैनी, नंद गोपाल नंदी, विधायक धर्मेंद्र शाक्य सहित कइयों ने भाजपा में ही रहने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी। इन लोगों के नाम भी भाजपा छोड़ने वाली सूची में शामिल होने की चर्चाएं थीं।
स्वामी प्रसाद मौर्य के मंत्री पद छोड़ने के एपिसोड के तत्काल बाद गृहमंत्री अमित शाह, यूपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या सक्रिय हो गए। इनके द्वारा कई लोगों से फोन पर बात किए जाने की भी चर्चा है। हालांकि स्वामी प्रसाद के साथ तीन विधायकों को जाने से वे नहीं रोक सके।
इधर, सपा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा स्वामी प्रसाद के साथ तस्वीर साझा करते हुए उनका और समर्थकों का पार्टी में स्वागत भी कर दिया। इसके बावजूद स्वामी प्रसाद और उनकी बेटी संघमित्रा ने अभी सपा में शामिल होने की बात को खारिज करते हुए दो दिन बाद फैसला लेने की बात कही।
भाजपा विधायक धर्म सिंह सैनी ने इसके तुरंत बाद ही वीडियो जारी कर कहा कि स्वामी प्रसाद मेरे बड़े भाई हैं लेकिन उन्होंने उनका नाम सपा में जाने वाले विधायकों की लिस्ट में क्यों जोड़ दिया यह वह नहीं जानते। उन्होंने कहा कि भाजपा में हैं और भाजपा में ही बने रहेंगे। वह पार्टी कतई नहीं छोड़ रहे।
स्वामी प्रसाद मौर्या के इस्तीफे के कुछ देर बाद ही मंत्री नंद गोपाल नन्दी ने ट्वीट कर कहा कि सपा में शामिल होने का आपका फैसला विनाशकाले विपरीत बुद्धि जैसा है। अखिलेश यादव की डूबती नाव की सवारी स्वामी प्रसाद जी के लिए राजनैतिक आत्महत्या जैसा आत्मघाती निर्णय साबित होगा। भाजपा राष्ट्र को सर्वोपरि मानने वाली विचारधारा का नाम है। अवसरवादियों और परिवारवादियों के लिए सपा ही सही ठिकाना है! उन्होंने कहा कि जय श्रीराम, जय भाजपा, तय भाजपा...।
प्रदेश के पिछड़े नेताओं में प्रमुख चेहरा माने जाने वाले स्वामी प्रसाद के भाजपा में रहते हुए ही अलग पार्टी बनाने और सपा से गठजोड़ किए जाने की चर्चाएं भी बीते दिनों हवा में खूब तैरती रहीं। मौर्य खेमे ने इनका कोई खंडन भी नहीं किया। वहीं ऐसी खबरों के चलते भाजपा उन्हें लेकर थोड़ी सचेत जरूर हो गई थी।

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