आज़मगढ़ : तो क्या पिता रामाकांत के लिए सीट छोड़ेंगे अरुणाकांत

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आजमगढ़। कभी बेटे के लिए अपना विधानसभा क्षेत्र छोड़ने वाले रमाकांत यादव समाजवादी पार्टी ने उसी सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इस सीट पर मौजूदा विधायक और उनके पुत्र अरुणकांत यादव भाजपा से दावेदार हैं। भाजपा ने फिलहाल अभी उनका टिकट फाइनल नहीं किया है, लेकिन पिता की दावेदारी के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या अरुणकांत पिता के लिए इस सीट को त्याग देंगे। बता दें कि रमाकांत यादव के सपा से टिकट फाइनल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। पूर्व सांसद रमाकांत यादव को समाजवादी पार्टी ने फूलपुर-पवई विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। इस सीट से उनके पुत्र अरुणकांत यादव भाजपा से विधायक है। रमाकांत यादव ने 1985 में इस सीट से अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी और 1993 तक लगातार चार बार जीत हासिल की। इस बीच उन्होंने कई बार पार्टी बदली लेकिन सीट नहीं बदली। वर्ष 1996 में उन्होंने अपनी पत्नी रंजना यादव को फूलपुर पवई सीट से लड़ाया और खुद लोकसभा का चुनाव आजमगढ़ सीट से लड़ गए। उनकी पत्नी विधायक नहीं बन सकी, बाद में उन्होंने यह सीट बेटे अरुणकांत यादव लिए छोड़ दी। अरुणकांत 2007 में विधायक बने। तब वे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी थे। वर्ष 2012 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद रमाकांत यादव का राजनीतिक कैरियर अस्थिर हो गया। वह भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए। सपा ने उन्हें फूलपुर-पवई सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। अब देखना यह है कि अरुणकांत यादव पिता के खिलाफ मैदान में उतरते हैं या फिर पार्टी और सीट बदलते हैं। अगर पिता और पुत्र की टक्कर होती है तो मुकाबला बेहद रोचक हो जाएगा।

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