दोहरा हत्याकांड: दस मिनट तक घेरकर दागी नौ राउंड गोलियां

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गोलियों की तड़तड़ाहट से गांव में मची भगदड़
आगरा। चित्तरपुरा गांव में खेत में लेजम बिछाने के विवाद का तो बहाना था, दरअसल जमीन के विवाद में कल्लू सिंह पक्ष ने पहले से तैयारी कर रखी थी। यही वजह थी कि रास्ते में ही एक ओर से सरसों के खेत और दूसरी ओर से बुर्जी की ओट से गोलियां दागी गईं। करीब दस मिनट तक चली गोलियों की तड़तड़ाहट से गांव में भगदड़ मच गई। गोलियां लगने से खून से लथपथ हुए दिनेश सिंह और महेश सिंह गिरकर बेहोश हो गए। इसके बाद हमलावर हथियार लहराते हुए भाग गए। दिनेश सिंह के भाई रामू और बेटे रिंकू ने दुबक कर जान बचाई। एक के बाद एक दागी गई नौ राउंड गोलियों में से पांच गोलियां महेश सिंह को और एक गोली दिनेश सिंह को लगी। परिजनों ने पुलिस को बताया कि एक साल पुराने जमीन के विवाद में छह महीने पहले पंचायत के बाद सुलह हो गई थी। बृहस्पतिवार को मेड़ न काटने और लेजम न बिछाने को बोला था। बावजूद इसके लेजम के लिए मेड़ काट दी। जानकारी मिलने पर जा रहे थे। रास्ते में पुरानी रंजिश को लेकर हमला बोला गया है।
चित्तरपुरा में दोहरे हत्याकांड के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश में उनके घर को खंगाला। दरवाजे पर खडे़ ट्रैक्टर को कब्जे में ले लिया। घर पर मिली बुजुर्ग महिला को भी हिरासत में ले लिया। हमलावर और उनके परिवार की महिलाएं भी भाग निकली। दरवाजे पर पशु बंधे रह गए। महिलाओं समेत परिजनों के भागने से भी पीड़ित परिवार को अंदेशा है कि पूरी तैयारी के साथ हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है। चित्तरपुरा गांव में दोहरी हत्या की वारदात से दहशत का माहौल है। लोग कुछ भी बोलने से कतरा रहे है। ज्यादातर लोग घरों से बाहर नहीं निकले। गांव के लोग अनहोनी की आशंका से भी खौफजदा है। चित्तरपुरा में हुई घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गोली लगने से जमीन पर गिरे खून से लथपथ महेश और दिनेश छटपटा रहे थे। मौके पर मौजूद रामू और रिंकू असहाय थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने फोन से एंबुलेंस को बुलाया। इसके बाद ही परिजन दोनों को अस्पताल ले जा सके, इसमें करीब एक घंटे लग गया था। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। लोगों का कहना है कि दोनों को समय पर इलाज मिल जाता तो शायद जान बच सकती थी। दिनेश तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। उसके दो अन्य भाई बेंचे लाल और रामू हैं। इसमें दिनेश अकेला कमाने वाला था। परिजनों ने बताया कि उन्होंने अपने बड़े भाई की बेटी रूबी का रिश्ता चांगौली गांव में तय कर दिया था। कुछ दिन पहले ही गोद भराई की रस्म की गई थी। अपनी बेटी आरती के लिए रिश्ते की तलाश कर रहे थे। अब हत्या के बाद परिजनों को सूझ नहीं रहा कि रूबी और आरती की शादी कैसे करेंगे। वहीं महेश सिंह भी तीन भाई थे। महेश पर ही परिवार आश्रित था। उनके दो बेटा और दो बेटियां हैं। चित्तरपुरा में दोहरे हत्याकांड से परिवार में मातम पसरा है, जबकि गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा दिखा। हत्या के बाद दिनेश सिंह की पत्नी ममता और महेश सिंह पत्नी कलावती तो बेसुध हो गई थीं। होश में आने पर ममता यही कहकर बिलखने लगी कि बच्चों राहुल और आरती की देखभाल कौन करेगा। कलावती भी बच्चों गोविंद, कामिनी, प्रियंका, संदीप की परवरिश की बातें कहकर बिलखने लगती थी।

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