सपा में शामिल भाजपा विधायक ने बताया क्यों छोड़ी भाजपा, इस वजह से बढ़ गई थी दूरी

Youth India Times
By -
0


संत कबीर नगर। संतकबीरनगर में वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट से शानदार जीत हासिल करने वाले दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे की सत्ता के खिलाफ नाराजगी समय के साथ बढ़ती गई। चुनाव के दौरान उन्होंने वादा किया था कि कांटे को ब्लॉक मुख्यालय और बंद पड़ी खलीलाबाद शुगर मिल को चालू करवाएंगे। इसके लिए उन्होंने लगातार प्रयास भी किया, लेकिन उनकी यह मांग पूरी नहीं हुई तो मन में खटास आने लगी, लेकिन पार्टी की किरकिरी न हो, सो खामोश रहे।
विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के लिए दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे लगातार प्रयासरत रहे, तमाम कार्यों में उन्हें सफलता भी हासिल हुई। इस बीच क्षेत्र के लोगों की मांग पर उन्होंने कांटे को ब्लॉक मुख्यालय बनवाने के लिए जिला प्रशासन से प्रस्ताव तैयार कराया और स्वीकृति के लिए शासन को भेजवाया, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली तो उन्होंने इसे प्रतिष्ठा से जोड़ लिया।
इसी बीच जब पंचायत चुनाव हुए तो उन्होंने अपने नजदीकी लोगों के लिए जिला पंचायत सदस्य के टिकट की मांग की, लेकिन भाजपा की अंदरूनी खींचतान में उनके अधिकतर समर्थकों को पार्टी ने टिकट नहीं दिया। जब जिला पंचायत अध्यक्ष की बारी आई तो उन्होंने फिर अपने खास बलिराम यादव को टिकट दिलाने के लिए भाजपा के प्रदेश नेतृत्व को मनाने का प्रयास किया, लेकिन जब टिकट नहीं मिला तो उन्होंने सपा के समर्थन से बलिराम यादव को चुनाव लड़ाया और जीत दिलाकर साबित कर दिया कि जिले में उनका व्यापक जनाधार है।
इसके साथ ही अपने बल पर सेमरियावां ब्लॉक में ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी भी हासिल करने में सफलता हासिल की। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के बाद भी दिग्विजय नारायण उर्फ जय चौबे भाजपा में बने रहे, लेकिन इसके बाद भाजपा ने उनसे दूरी बनी ली। पार्टी की उपेक्षा से वह लंबे समय से आहत महसूस कर रहे थे।
आखिरकार उन्होंने समर्थकों के साथ मंथन करते हुए पार्टी को अलविदा कहने का मन बना लिया। अब वह साइकिल पर सवार हो गए हैं तो आने वाले दिनों में जिले की राजनीति में कुछ और बदलाव देखने को मिल सकता है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)