आजमगढ़: धूमधाम से मना आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम

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देश की तरक्की के लिए युवाओं को सही शिक्षा देने की जरूरत है-दुष्यंत सिंह

अमृत महोत्सव धूमिल स्मृतियों को ताजा करने और उत्साह भरने का अच्छा माध्यम-पियूष
आजमगढ़। देश की आजादी के 75 वर्ष बीत गए इतने समय में कई पीढ़ियां बदल गईं, यादें धूमिल पड़ गईं, इन यादों को ताजा करने के लिए अमृत महोत्सव मनाया जाना काफी उत्साहजनक एवं हर्षाेल्लास का विषय है।


गुरुवार को जजी मैदान में स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के समापन अवसर पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल दुष्यंत सिंह ने अपनी यादों को साझा करते हुए उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहाकि जाति और धर्म को दरकिनार कर देश को तरक्की के रास्ते पर लाने के लिए युवाओं को सही शिक्षा देने की जरूरत है और इस तरह के आयोजन उनमें नई ऊर्जा भरेंगे।
इस अवसर पर अयोध्या के महंत राजकुमार दास ने कहाकि आजमगढ़ की धरती ऋषि मुनियों की धरती है यहां के लोगों ने आजादी की लड़ाई में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वाधीनता के अमृत महोत्सव को स्कूली छात्र छात्राओं ने हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता और वंदे मातरम के उद्घोष के साथ पूरे शहर को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए मुंबई से आए कलाकारों द्वारा जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया वहीं भव्य मंच और साज सज्जा ने एक अलग ही तरह का वातावरण तैयार कर दिया था। मुख्य वक्ता सुभाष जी ने कहाकि आज जिस आजादी की बात की जा रही है उसे प्राप्त करने के लिए देश के नौजवानों ने अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया, स्वयं आजमगढ़ के युवाओं ने इस धरती को 1857 की क्रांति में 4 महीने तक अंग्रेजों से आजाद करा रखा था। इसी संदर्भ में उन्होंने देवरिया के पौना गांव की एक घटना का जिक्र किया जिससे उपस्थित जनसमुदाय काफी प्रभावित हुआ।
इस अवसर पर प्रोफ़ेसर निर्मला एस मौर्य, डॉ. अनूप सिंह यादव, अरविंद जायसवाल, गोविंद प्रसाद, पंकज त्रिपाठी, अमरेश, सुशील, गौरव अग्रवाल, आलोक जायसवाल, शंकर साव आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे। पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा और उसकी उत्तम व्यवस्था के लिए डॉ. पीयूष सिंह यादव की लोगों ने काफी प्रशंसा की। कार्यक्रम का प्रारम्भ पूर्व सैनिकों के साथ किया गया।

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