पत्नी को सुसाइड नोट देकर शिक्षक ने मार ली गोली

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वाराणसी। पड़ाव स्थित एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल में गणित के शिक्षक अमित पाठक (40) ने रविवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे लंका के सीर गोवर्धपनपुर के काशीपुरम कॉलोनी के खाली प्लाट में कार में खुद की कनपटी पर गोली मार आत्महत्या कर ली। लाइसेंसी रिवाल्वर से अमित ने दो गोली मारी। एक बाएं तरफ कनपटी में लगी है, दूसरी सिर के सामने से मारी है। शाहजहांपुर के सदर तहसील के खलील सकरी निवासी अमित पाठक पत्नी वंदना व बेटे शिवांश के साथ कंदवा में किराये के मकान में रहते थे। बेटी रिया दिल्ली में रहकर नीट की तैयारी कर रही है। घटना के पहले अमित ने पत्नी वंदना, छित्तूपुर के हरिओमनगर कॉलोनी में ससुराल में ससुर को छह-छह पेज का सुसाइड नोट पकड़ाया था। कार में भी वही सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट से दंपती का विवाद सामने आया है।
अमित की पत्नी वंदना चंदौली के धानापुर में प्राथमिक विद्यालय में सरकारी शिक्षिका हैं। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद था। रविवार को अवकाश होने के बाद भी अमित सुबह घर से निकल पड़े। दोपहर करीब ढाई बजे वह घर पहुंचे और पत्नी को लिफाफा पकड़ाया। लिफाफे में छह पेज का सुसाइड नोट था। जान देने की बात कहकर लाइसेंसी रिवाल्वर ली और कार से निकल पड़े। पत्नी वंदना ने डायल 112 पर सूचना दी। बेटा और दिल्ली से बेटी भी लगातार फोन करते रहे लेकिन अमित नहीं रुके। इसके बाद हरिओमनगर कॉलोनी पहुंचे। वहां ससुर उदय नारायण पांडेय को भी लिफाफे में सुसाइड नोट दिया। जब साले डॉ. सत्य प्रकाश पांडेय ने रोका तो उन पर ही रिवाल्वर तान दी। फिर कार से तेजी से निकल पड़े। सीर स्थित काशीपुरम कॉलोनी के एक खाली पड़े प्लाट पर रुके। फोन पर करीब 15 से 20 मिनट तक तेज-तेज आवाज में बात करते रहे। फिर कार की ड्राइविंग सीट पर बैठ खुद को दो गोली मार ली। आसपास के लोग गोली की आवाज सुनकर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर में पुलिस, ससुर और साले पहुंचे। पत्नी वंदना भी थोड़ी देर बाद पहुंची और गश खाकर गिर पड़ी। पुलिस ने कार से भी सुसाइड नोट बरामद किया है। तीनों सुसाइड नोट को पुलिस ने कब्जे में ले लिये। मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाये। भेलूपुर एसीपी प्रवीण कुमार सिंह और लंका इंस्पेक्टर वेद प्रकाश राय ने परिजनों से पूछताछ की।
जब ससुराल से सुसाइड नोट पकड़ाकर अमित निकले तो ससुर और साले ने कार से पीछा किया, लेकिन अमित को पकड़ न सके। अमित तेज रफ्तार से काशीपुरम कॉलोनी की ओर चले गये। खाली प्लाट में जाकर कार खड़ी कर दी थी। इस कारण साले-ससुर नहीं ढूंढ सके।
मौके पर पहुंची पत्नी वंदना और बेटे शिवांश रो-रोकर बेहाल थे। पत्नी का कहना था कि सुबह से ही जान देने की रट लगा रखे थे। इससे अच्छा होता कि तलाक देकर अलग रह लेते। कम से कम आंखों के सामने तो रहते।
अमित और वंदना के पिता साथी शिक्षक थे। दोनों ने वंदना और अमित की शादी कर दी। वंदना मूलत: चंदौली के सकलडीहा के रहने वाली है। कुछ साल पहले अमित को व्यापार में काफी नुकसान हुआ था। इसके बाद वह पड़ाव स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ाने लगे।

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