सीएम का अपर निजी सचिव बन हड़पे 38 लाख रुपए

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लखनऊ। सरकारी नौकरी दिलाने लगवाने का प्रलोभन देने वाले ठगों ने मुख्यमंत्री के अपर सचिव होने का दावा कर रिटायर अधिकारी से 38 लाख रुपये हड़प लिए। आरोपी ने रिटायर अधिकारी के परिवार के तीन सदस्यों की नियुक्ति कराने का भरोसा दिया था। इस मामले में पीड़ित ने आलमबाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
सुजानपुरा निवासी लालजी वाणिज्य कर विभाग से रिटायर हुए हैं। उनके रिश्तेदार इन्दिरानगर निवासी श्यामजी शर्मा अक्सर घर आते थे। वर्ष 2018 में श्यामजी ने लालजी को बताया कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ का अपर निजी सचिव बन गया है। जिसकी वजह से अधिकारी उसके दबाव में रहते हैं। वह अपने पद का इस्तेमाल कर कई लोगों को नौकरी दिला चुका है। आपके भी नाती अभिषेक, नातिन महक और रजनी देवी बेरोजगार हैं। चाहो तो मैं इन बच्चों के लिए बात करूं। सरकारी नौकरी मिलने की बात सुन कर लालजी ने भी हामी भर दी। उनके मुताबिक रिश्तेदार और पूर्व परिचित होने के कारण उन्हें श्यामजी शर्मा पर शक नहीं हुआ था। इसके बाद श्यामजी ने तीन लोगों की नौकरी के लिए 40 लाख रुपये घूस देने के लिए मांगे थे। लालजी ने एक साथ इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई थी। इस पर आरोपी ने किस्तों में रुपये देने के लिए कहा।
पीड़ित के अनुसार दिसंबर 2018 से सितंबर 2019 के मध्य उन्होंने 38 लाख रुपये श्यामजी को दिए थे। लेकिन किसी की भी नौकरी नहीं लगी। रुपये ऐंठने के बाद आरोपी ने लालजी से मिलना और फोन उठाना बंद कर दिया। श्यामजी का व्यवहार बदलने पर लालजी को शंका हुई। पड़ताल करने पर जानकारी मिली की श्यामजी का मुख्यमंत्री से कोई सम्पर्क नहीं है। उसने अपर निजी सचिव होने की भी झूठी कहानी गढ़ी थी। सच्चाई सामने आने पर लालजी ने मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को पत्र भेज कर शिकायत की थी। जिसकी जांच कराए जाने पर आरोपों की पुष्टि होने पर श्यामजी शर्मा के खिलाफ आलमबाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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