फरार सीओ पर एसएसपी ने रखा 25 हजार का इनाम

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बीटेक छात्र के फर्जी एनकाउंटर का मामला
बुलंदशहर। बुलंदशहर में करीब 19 साल पहले सिकंदराबाद क्षेत्र में हुए बीटेक छात्र के फर्जी एनकाउंटर में फरार सेवानिवृत सीओ रणधीर सिंह पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। एसएसपी के अनुसार आरोपी के लगातार फरार रहने पर उसके खिलाफ इनाम घोषित करने की कार्रवाई की गई है। इस मामले में सात पुलिसकर्मी जेल जा चुके हैं, इनमें चार जमानत पर बाहर हैं। जबकि सेवानिवृत सीओ लगातार फरार चल रहा है।
3 अगस्त 2002 को सिकंदराबाद कोतवाली में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रणधीर सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके अनुसार बुलंदशहर कोतवाली देहात सीमा से टीम के साथ गश्त करते हुए सिकंदराबाद की तरफ लौट रहे थे। गांव आढ़ा मोड़ के निकट बिलसूरी की तरफ से फायरिंग की आवाज सुनाई गई। इस सूचना पर हमराह पुलिसकर्मी कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, मनोज, जीप चालक श्रीपाल, संजीव कुमार, सतेंद्र, तोताराम एवं रघुराज के साथ मौके पर पहुंचे। वहां पर एक रोडवेज बस से उतरकर तीन बदमाश भागते हुए दिखाई दिए। पुलिस टीम के रोकने पर बदमाशों ने फायरिंग की। पुलिस की जबावी कार्रवाई में एक बदमाश की गोली लगने से मौत हो गई, जिसकी पहचान प्रदीप कुमार पुत्र यशपाल सिंह निवासी गांव सहपानी थाना सिकंदराबाद के रूप में हुई।
सिकंदराबाद पुलिस द्वारा जिस युवक को लुटेरा बताया गया, वह बीटेक का छात्र था। जब पीड़ित परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया तो पुलिस ने मृतक के पिता समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।
पीड़ित के यशपाल सिंह के अनुसार फर्जी एनकाउंटर में मजिस्ट्रेट जांच से लेकर सीबीसीआईडी की जांच हुई। इन जांच में आरोपी पुलिसकर्मियों का पक्ष लेते हुए छात्र को लुटेरा बताया गया। पीड़ित पक्ष द्वारा कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दायर की गई, जिसका संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने एफआर निरस्त कर दी और मामले में सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ वाद दायर कर जांच के निर्देश दिए गए।
कोर्ट के सख्त रुख के बाद पुलिस में हड़कंप मच गया। इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया। इसके बाद आरोपी पुलिसकर्मी संजीव कुमार, मनोज कुमार, जितेंद्र सिंह, सतेंद्र, तोताराम, रघुराज और जीप चालक श्रीपाल ने कोर्ट के समक्ष सरेंडर किया, जिन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
फर्जी एनकाउंटर के बाद प्रमोशन पाकर निरीक्षक रणधीर सिंह सीओ बन गए। वर्तमान में सीओ रणधीर सिंह सेवानिवृत हो चुके हैं। कोर्ट से एनबीडब्ल्यू जारी होने के बाद भी उनके द्वारा सरेंडर नहीं किया गया। सेवानिवृत सीओ के लगातार फरार रहने पर मंगलवार को एसएसपी संतोष कुमार सिंह द्वारा सीओ पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

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